भारत बना वैश्विक कुशल प्रतिभा का पावरहाउस: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वार्षिक कौशल दीक्षांत समारोह 2024 के अवसर पर पूरे देश के आईटीआई और एनएसटीआई से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) और शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के टॉपर्स छात्रों को एक लिखित संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं दी, जिसे सभी लोगों के साथ साझा किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा किया गया जिसमें पूरे देश के 8 लाख से ज्यादा स्नातकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया गया और कौशल उत्कृष्टता के प्रति उनके समर्पण पर प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन 15,000 से अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और 33 राष्ट्रीय कौशल विकास संस्थानों (एनएसटीआई) में एक साथ किया गया, जिसमें देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर प्राप्त किया गया। एमएसडीई के अंतर्गत आने वाले प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने नई दिल्ली के कौशल भवन सभागार में इस केंद्रीय समारोह का आयोजन किया, जिसमें श्री जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, और राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, प्रमुख हितधारकों के साथ उपस्थित हुए और 19 लाख से अधिक छात्रों के साथ पूरे देश के संस्थानों में इसका लाइव प्रसारण किया गया।
स्नातकों को दिए गए अपने संदेश में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसडीई के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसमें आईटीआई, एनएसटीआई, आईटीओटी और विभिन्न अन्य संस्थानों के छात्र एक साथ शामिल होते हैं। स्नातकों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस समारोह को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर कहा, जो न केवल छात्रों के प्रशिक्षण को पूरा करने का उत्सव है, बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है। उन्होंने बल देकर कहा कि इन युवा पेशेवरों द्वारा प्राप्त किए गए कौशल में भारत के विकास को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करने की अपार क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कुशल युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भारत की सबसे बड़ी शक्ति और राष्ट्र के विकास में आवश्यक योगदानकर्ता कहा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार से भारत अपने युवा कार्यबल की विशेषज्ञता और संख्या के कारण वैश्विक स्तर पर कुशल प्रतिभा के पावरहाउस के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि युवाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित भारत सरकार का एमएसडीई अपनी नीतियों के साथ, भविष्य के लिए तैयार, वैश्विक रूप से प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इंटर्नशिप के अवसरों में वृद्धि, तकनीकी शिक्षा में उन्नयन और मूल्यवान अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से, भारत के युवा पेशेवर वैश्विक कार्यबल पर स्थायी प्रभाव डालेंगे और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की यात्रा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
दीर्घकालिक कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के अंतर्गत शैक्षणिक सत्र 2023-24 (1-वर्षीय ट्रेड) और 2022-24 (2-वर्षीय ट्रेड) के लिए अखिल भारतीय ट्रेड टेस्ट (एआईटीटी) आयोजित किया। इनका आयोजन जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान आईटीआई में किया गया था और इसके परिणाम सितंबर 2024 में घोषित किए गए। परीक्षा 152 ट्रेडों में 19 लाख से अधिक छात्रों के लिए आयोजित की गई थी और उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिशत 87.34 है।
इसी प्रकार, शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के अंतर्गत प्रशिक्षित अनुदेशकों के लिए, जो पूरे देश में एनएसटीआई और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीओटी) में कार्यान्वित की जा रही है, 9292 छात्र अंतिम परीक्षा के लिए उपस्थित हुए जिनमें से 7873 उत्तीर्ण हुए। उनके पास होने का प्रतिशत 84.73 रहा।
इस बार, नई दिल्ली के कौशल भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह के दौरान डीजीटी, एमएसडीई के अंतर्गत सीटीएस और सीआईटीएस के 48 छात्रों को सम्मानित किया गया। इनमें सीटीएस और सीआईटीएस के ऑल इंडिया टॉपर्स, सीटीएस के शीर्ष 10 श्रेणियों के ट्रेड टॉपर्स और सीआईटीएस के अंतर्गत शीर्ष 5 ट्रेड, हार्ड इंजीनियरिंग ट्रेडों के लिए महिला टॉपर्स, दिव्यांगजनों के बीच टॉपर्स, सीटीएस के अंतर्गत फ्लेक्सी-एमओयू योजना के टॉपर्स और न्यू एज कोर्स के टॉपर्स शामिल हैं।
पूरे देश में 15000 से ज्यादा आईटीआई और एनएसटीआई में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह में संसद सदस्यों (सांसदों) और विधान सभाओं के सदस्यों (विधायकों) की उत्साहजनक भागीदारी देखी गई, जो छात्रों को उनकी उपलब्धियों पर बधाई देने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित समारोहों में शामिल हुए। इसके बारे में बात करते हुए, श्री जयंत चौधरी ने टिप्पणी किया कि “स्थानीय समारोहों में सांसदों और विधायकों की उपस्थिति देश के कोने-कोने में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस प्रकार की महत्वपूर्ण भागीदारी न केवल इस दीक्षांत समारोह के महत्व को बढ़ाती है, बल्कि हमारे युवाओं को कौशल को राष्ट्रीय विकास और आत्मनिर्भरता का मार्ग देखने के लिए प्रेरित करती है।”
अपने संबोधन में, श्री जयंत चौधरी, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने छात्रों के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की और कहा कि “भारत का कौशल पारिस्थितिकी तंत्र 15000 आईटीआई के विशाल नेटवर्क के साथ फैला हुआ है, जिन्होंने वर्षों से अपनी विश्वसनीयता को लगातार कायम रखा है। जैसे-जैसे उद्योग जगत की मांग बढ़ रही है, हमारे आईटीआई नेटवर्क को अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए लगातार अनुकूलित और लचीला रहना आवश्यक है। आज का दिन सभी के लिए कौशल को आकांक्षी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे निदेशालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, हमने एक मजबूत मूल्यांकन प्रणाली स्थापित की है जो छात्रों को उनके भविष्य को आकार देने के लिए सशक्त बनाती है। विभिन्न परीक्षाओं और मूल्यांकनों में महिलाओं की उत्कृष्ट उपलब्धियां हमारे राष्ट्र की उत्साहजनक प्रगति को दर्शाती हैं। इस वर्ष, केंद्रीय बजट के इतिहास में पहली बार, आईटीआई सुधार को प्राथमिकता प्रदान की गई है, इस पहल को भारत के लिए सरकार की परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के साथ निकटता से जोड़ा गया है।”
श्री जयंत चौधरी ने आईटीआई को स्थानीय उद्योग की आवश्यकताओं के साथ संरेखित करने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “हमारे आईटीआई को स्थानीय उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कौशल विकास प्रासंगिक एवं प्रभावशाली हों। मैं कंपनियों के साथ-साथ सांसदों और विधायकों को भी इन संस्थानों के उन्नयन में व्यक्तिगत रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं। उनकी भागीदारी सभी क्षेत्रों में एक कुशल और उद्योग जगत के लिए तैयार कार्यबल के हमारे लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
सुश्री प्रीति पाल, मेरठ, उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित युवा पैरा-एथलीट, जिन्होंने हाल ही में पैरालिंपिक में दो कांस्य पदक जीती हैं, सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान आई समस्याओं और चुनौतियों का उल्लेख किया और छात्रों को किसी प्रकार की बाधा होने के बावजूद अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दृढ़ संकल्पित रहने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान, विश्व कौशल प्रतियोगिता 2024 के पदक विजेताओं ने भी अपनी-अपनी व्यक्तिगत यात्राओं को साझा किया, जिसमें बताया गया कि भारत कैसे वैश्विक कौशल मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है।
इस कार्यक्रम में उद्योग जगत की मांगों एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ कौशल संरचना को संरेखित करने के उद्देश्य से एमएसडीई की नवीनतम पहलों पर भी प्रकाश डाला गया। इन पहलों के भाग के रूप में, एमएसडीई ने सभी आईटीआई छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर एक मूलभूत मॉड्यूल जारी किया। प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा विकसित, 7.5 घंटे का पाठ्यक्रम छात्रों को मूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अवधारणाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, उन्हें प्रौद्योगिकी संचालित करियर के लिए तैयार करता है। प्रशिक्षकों के लिए रोजगार योग्यता कौशल (ईएस) फैसिलिटेटर मैनुअल का भी अनावरण किया गया, जिससे प्रशिक्षकों को सरलीकृत और बातचीत के माध्यम से आवश्यक रोजगार कौशल पर संरचित, प्रभावशाली शिक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाया जाता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा नई शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) शिक्षण सामग्री की शुरुआत थी। डीजीटी के अंतर्गत एनएसटीआई और राष्ट्रीय अनुदेशात्मक मीडिया संस्थान (एनआईएमआई) के प्रशिक्षकों द्वारा इन-हाउस विकसित, ये व्यापक सीआईटी संसाधन एनएसक्यूएफ स्तर 5 पर उद्योग मानकों के साथ संरेखित फिटर, इलेक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, वेल्डर और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन जैसे पाठ्यक्रमों को कवर करते हैं। ये सामग्रियां सुनिश्चित करती हैं कि प्रशिक्षक पूरे देश में व्यावसायिक प्रशिक्षुओं के सीखने के अनुभव एवं करियर तत्परता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी ज्ञान एवं प्रभावी शैक्षणिक कौशल दोनों प्राप्त करें।
कौशल दीक्षांत समारोह न केवल स्नातकों की कड़ी मेहनत बल्कि शिक्षकों, प्रशिक्षकों और नीति निर्माताओं की उल्लेखनीय प्रतिबद्धता का उत्सव मनाता है जो भारत के कुशल कार्यबल को सशक्त बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से, एमएसडीई का उद्देश्य देश के युवाओं में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करते हुए समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भविष्य के लिए अपने कौशल का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है।