स्कूल में रैगिंग की हदें पार! मिहिर की दर्दनाक चिट्ठी और 26वीं मंजिल से छलांग—कब रुकेगा यह जुल्म?

ठाणे जिले में एक रेजिडेंशियल स्कूल के 10वीं कक्षा के एक छात्र ने स्कूल के पास ही एक पेड़ से लटककर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली| घटना के पीछे का कारण अभी पता नहीं लग सका है|
एक उज्ज्वल भविष्य के सपनों के साथ जीने वाला 16 वर्षीय मिहिर अब इस दुनिया में नहीं रहा। उसके परिवार का दावा है कि वह स्कूल में खौफनाक रैगिंग और बर्बर मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। अंततः, इन ज़ुल्मों ने उसे इस कदर तोड़ दिया कि उसने त्रिपुनिथुरा स्थित अपने अपार्टमेंट की 26वीं मंज़िल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी।
मिहिर की मां रजना पीएम ने सोशल मीडिया पर एक झकझोर देने वाला संदेश लिखा—
"मिहिर को पीटा गया, उस पर अपमान की हदें पार की गईं और आखिरी दिन भी उसे इतनी बुरी तरह से जलील किया गया कि वह अंदर से टूट गया। हम उसकी पीड़ा का अंदाजा भी नहीं लगा सकते।"
परिवार का कहना है कि मिहिर ने अपने स्कूल में होने वाली रैगिंग और धमकियों की जानकारी दी थी, लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। आखिर, कब तक हमारे होनहार बच्चे इस मानसिक और शारीरिक यातना का शिकार होते रहेंगे?
समाज के लिए एक कड़ा सवाल!
स्कूलों में बढ़ती रैगिंग और बुलिंग पर आखिर कौन नियंत्रण करेगा? क्या सिर्फ मिहिर ही दोषी था, जिसने हार मान ली? या फिर वह सिस्टम, जो उसकी आत्मा तक छलनी कर देने वाली पीड़ा को नहीं समझ सका?
मिहिर की मौत सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है! अगर अब भी रैगिंग पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो न जाने कितने और मिहिर इसी अंधेरे रास्ते पर चलने को मजबूर होंगे।
???? आप क्या सोचते हैं? क्या रैगिंग के खिलाफ कड़े कानून और कठोर सज़ा की ज़रूरत है?
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