ग्राम_ग्राम तक पहुँचता न्याय_अजगरा मगर्वी में विशेष चकबंदी चौपाल का सफल आयोजन, किसानों को न्याय मिलने की नई उम्मीदें
संवाददाता- मनोज कुमार सिंह, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
- 'न्याय चला जनता के द्वार' कार्यक्रम के तहत आयोजन, निर्देश - चकबंदी आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल और उप संचालक विनय कुमार गुप्ता।
- अध्यक्षता: बंदोबस्त अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, मौजूद - चकबंदी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह, सहायक अधिकारी राधेश्याम वर्मा व अन्य चकबंदी कर्मी।
- कार्यक्रम उद्देश्य: किसानों के वादों का निस्तारण और न्यायिक सहायता।
- सफल आयोजन: बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया, कई मामलों का मौके पर ही निस्तारण।
- न्याय और प्रशासन पर विश्वास: ग्रामीणों में न्याय और पारदर्शिता की नई उम्मीदें जागीं।
उत्तर प्रदेश के चकबंदी आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल और उप संचालक चकबंदी विनय कुमार गुप्ता के कुशल नेतृत्व में चलाए जा रहे 'न्याय चला जनता के द्वार' कार्यक्रम के अंतर्गत सगड़ी तहसील के ग्राम पंचायत अजगरा मगर्वी में एक विशेष चकबंदी चौपाल का आयोजन हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य था, गाँव के किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण करना और उन्हें उनके अधिकारों का ज्ञान कराना, ताकि न्याय वास्तव में उनके द्वार तक पहुँच सके।
चकबंदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय के उद्देश्य से इस चौपाल की अध्यक्षता बंदोबस्त अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय ने की, जहाँ प्रमुख अधिकारियों में राकेश बहादुर सिंह (चकबंदी अधिकारी), राधेश्याम वर्मा (सहायक चकबंदी अधिकारी), चकबंदी कार्यकर्ता और लेखापाल ने अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को गरिमा प्रदान की। ग्राम पंचायत भवन पर हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी चकबंदी से संबंधित वादों को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। चकबंदी चौपाल के माध्यम से गाँव के लोगों को न केवल अपनी समस्याओं का समाधान मिला, बल्कि सरकारी योजनाओं और चकबंदी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी देखा गया। मौके पर ही अधिकारियों ने किसानों के वादों की सुनवाई की और कई मामलों का तत्काल समाधान निकाला, जिससे ग्रामीणों को एक नई राहत और संतोष का अनुभव हुआ।
ग्रामीण न्याय व्यवस्था की दिशा में इस प्रकार का प्रयास ग्रामीण समाज में एक नई आशा का संचार कर रहा है। यह कार्यक्रम न केवल न्याय को गाँव के लोगों तक पहुँचाने का प्रयास है, बल्कि उन्हें यह भरोसा दिलाता है कि उनकी समस्याओं को सरकार के उच्चाधिकारियों द्वारा सुना जा रहा है। कार्यक्रम की सफलता से गाँव के लोगों में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास और प्रगाढ़ हुआ है। ऐसे आयोजन यह दर्शाते हैं कि सरकार और प्रशासनिक तंत्र किस प्रकार न्याय को उन लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो दूर-दराज के गाँवों में बसे हैं। इस प्रकार की चौपालें ग्रामीण विकास की दिशा में न्याय की एक नई किरण बनकर उभरी हैं।