छठ महापर्व: आस्था और श्रद्धा का संगम

छठ महापर्व: आस्था और श्रद्धा का संगम

"छठ मैया के जयकारों से गूंजा आसमान: छठ पूजा 2024 का उत्सव"

 कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर छठ महापर्व का समापन आज हुआ। चार दिनों तक चले इस महापर्व में लाखों श्रद्धालुओं ने सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की। नदियों, तालाबों और कुओं के किनारे लगी रौनक और भक्तिमय माहौल देखते ही बन रहा था।

छठ पूजा का महत्व:

छठ पूजा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, विशेषकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया की उपासना से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि छठ पूजा करने से सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है।

छठ पूजा का जश्न:

छठ पूजा का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। शहर के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। महिलाओं ने अपने हाथों से बनाए गए प्रसाद को सूर्य देव को अर्पित किया। बच्चों ने भी इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

छठ पूजा की विधि:

छठ पूजा चार दिनों तक चलती है। पहले दिन नहाय-खाय किया जाता है, दूसरे दिन खरना मनाया जाता है, तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु निराहार रहते हैं और केवल फल और फूल का सेवन करते हैं।

छठ पूजा की कहानियां:

छठ पूजा के बारे में कई रोचक कहानियां प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, एक बार एक राजा की रानी बीमार हो गई थी। सभी वैद्य उसका इलाज करने में असमर्थ रहे। तब एक संत ने रानी को छठ पूजा करने की सलाह दी। रानी ने छठ पूजा की और वह स्वस्थ हो गई।

आज के समय में छठ पूजा का महत्व:

आज के भागदौड़ भरे जीवन में छठ पूजा हमें प्रकृति और परमात्मा के प्रति आस्थावान बनाता है। यह त्योहार परिवार और समाज को एकजुट करता है।

छठ पूजा की शुभकामनाएं:

हम सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।