गोरखपुर मंडल में फल-फूल रहा फर्जी नोटों का काला साम्राज्य, आत्महत्याओं तक पहुंचा धोखाधड़ी का जाल

???? “नकली नोट, असली मौत!”
संवाददाता - गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश का गोरखपुर मंडल इन दिनों एक खतरनाक साजिश का गवाह बनता जा रहा है। नकली नोटों का गोरखधंधा इस कदर अपनी जड़ें फैला चुका है कि आम लोग दिन-दहाड़े इसके शिकार बन रहे हैं—बिना किसी सुरक्षात्मक विकल्प के, बिना किसी आवाज़ के।
सूत्रों के मुताबिक, गोरखपुर से देवरिया तक का इलाका इन अपराधियों का एक संगठित गढ़ बन चुका है, जो कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे रहा है। इनकी चपेट में आ चुके लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और कुछ ने तो शर्म, डर व कर्ज के बोझ में आकर आत्महत्या तक कर ली है।
???? “एक के तीन” का लालच बन रहा मौत का फंदा
इन जालसाज़ों की सबसे खतरनाक चाल है ‘एक के बदले तीन नोट’ देने का झांसा। लोग जल्दी पैसा कमाने की चाह में इनके चक्कर में फँस जाते हैं, और जब असली दुनिया में धोखाधड़ी का चेहरा दिखता है, तब उनके पास न पुलिस के पास जाने की हिम्मत होती है, न समाज से कुछ कहने की।
???? पुलिस की पकड़ से बाहर, लेकिन सक्रियता के केंद्र में
गोरखपुर का दक्षिणांचल, देवरिया का एकौना थाना क्षेत्र, आजमगढ़, मऊ, संत कबीर नगर, महाराजगंज—इन जिलों में इनकी गतिविधियां दिन-ब-दिन तेज़ होती जा रही हैं। खास बात यह कि सीमा क्षेत्र में इनका नेटवर्क सबसे अधिक सक्रिय है।
सूत्र बताते हैं कि एकौना थाना क्षेत्र से जुड़े कुछ चेहरों की पहचान हो चुकी है और बहुत जल्द इस फर्जी नेटवर्क की पूरी बटालियन बेनकाब की जा सकती है।
???? प्रशासन की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल
जमीनी सूत्रों की मानें तो इस नेटवर्क को स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत का भी संदेह है, जो इस अपराध को और अधिक गंभीर बना देता है। यह चिंता का विषय है कि कैसे ये कारोबारी खुलेआम, बेखौफ और बेझिझक अपने षड्यंत्रों को अंजाम दे रहे हैं।
???? अब वक्त है चेतने का!
यह सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी नहीं, यह मानसिक, सामाजिक और नैतिक अपराध है। समाज को ऐसे फर्जीवाड़ों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा, ताकि किसी और को अपनी ज़िंदगी की कीमत पर इसकी सजा न चुकानी पड़े।
???? फर्जी नोट का सौदा, ज़िंदगी का सौदा मत बनाइए!
सावधान रहें, सतर्क रहें – और इन अपराधियों के खिलाफ आवाज़ उठाएं!