भारत के एकता के शिल्पकार सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्र करेगा उनके अद्वितीय योगदान को नमन
31 अक्टूबर को भारत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, जिन्हें देश की एकता और अखंडता का आधारस्तंभ माना जाता है। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार देशव्यापी समारोहों के माध्यम से उनके अद्वितीय योगदान और विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए व्यापक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
सरदार पटेल न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि आज़ाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री के रूप में देश को संगठित और संरक्षित करने में उनका योगदान अतुलनीय रहा है। जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब देश 550 से अधिक रियासतों में बँटा हुआ था, और इन रियासतों को भारत में मिलाने में सरदार पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई। उनके कुशल नेतृत्व, धैर्य, और कूटनीतिक निर्णयों ने इन रियासतों को भारत की अखंडता में समेटा। यही कारण है कि वे भारतीय एकता के प्रतीक बन गए और देश की जनता उन्हें "लौह पुरुष" के नाम से सम्मानित करती है।
सरदार पटेल का जन्मदिन हर साल "राष्ट्रीय एकता दिवस" के रूप में मनाया जाता है, ताकि उनकी विरासत और उनके विचार आज की पीढ़ी तक पहुँचते रहें। इस वर्ष, उनके 150वें जन्मदिवस पर देशभर में आयोजित किए जा रहे ये विशेष समारोह सरदार पटेल के समर्पण, संकल्प और अद्वितीय योगदान को पुनः जागृत करेंगे और देश को एकता की डोर में और मजबूती से बाँधेंगे।
उनकी जयंती पर आयोजित रैलियाँ, व्याख्यान, और देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम, सभी भारतीयों को सरदार पटेल के अदम्य साहस और देशप्रेम का स्मरण कराएँगे। उनका जीवन, विचार और भारत की एकता को सँवारने में उनकी भूमिका सदैव प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी, और राष्ट्र एकजुट होकर उनके आदर्शों का अनुसरण करता रहेगा।