स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर कदम: पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत 7293 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी

स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर कदम: पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत 7293 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत देशभर में स्वच्छ, हरित और सतत सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इस योजना के अंतर्गत 14 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न शहरों में 7293 इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, बिजली और सिविल डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 983.75 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में मजबूत कदम

सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रयास के तहत, 66 शहरों में बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 563.34 करोड़ रुपये तथा 64 शहरों में सिविल डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 420.40 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी और पीएम-ई-बस सेवा टेंडर की शर्तों को पूरा करने पर निर्भर करेगी।

राज्यों को जारी की गई पहली किश्त

वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश को 437.50 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की गई है, जो निम्नलिखित है:

क्रमांक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्राप्त राशि (करोड़ रुपये)
1 बिहार 87.55
2 गुजरात 9.06
3 चंडीगढ़ 11.87
4 असम 6.47
5 छत्तीसगढ़ 30.18
6 महाराष्ट्र 200.18
7 ओडिशा 47.72
8 राजस्थान 44.46
कुल 437.50 करोड़

वारंगल और निज़ामाबाद योजना में शामिल नहीं

तेलंगाना के दो शहर, वारंगल और निज़ामाबाद, इस योजना के अंतर्गत क्रमशः 100 और 50 ई-बसों के लिए पात्र थे, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया। इसके अलावा, हैदराबाद सहित 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहर इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं।

योजना से जुड़ी सरकारी घोषणा

इस संबंध में आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना देश में शहरी परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

स्वच्छ भविष्य की ओर बढ़ता भारत

पीएम ई-बस सेवा योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक, स्वच्छ, और किफायती बनाना है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती से वायु प्रदूषण में कमी, ईंधन की बचत, और कार्बन उत्सर्जन में गिरावट आएगी। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण, बल्कि शहरी नागरिकों को आरामदायक और टिकाऊ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

– रिपोर्ट: PIB Delhi