ग्लेक्स 2025: अंतरिक्ष शक्ति के रूप में भारत की चमकदार उपस्थिति, वैश्विक मंच पर उभरा 'विश्व बंधु भारत'

ग्लेक्स 2025: अंतरिक्ष शक्ति के रूप में भारत की चमकदार उपस्थिति, वैश्विक मंच पर उभरा 'विश्व बंधु भारत'

— डॉ. जितेंद्र सिंह बोले: "भारत के लिए ए, दुनिया के लिए बी", समानता और सहयोग के साथ अंतरिक्ष नेतृत्व की नई परिभाषा


नई दिल्ली | मई 2025
भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष शिखर सम्मेलन ग्लेक्स 2025 ने भारत को एक वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति और विश्वसनीय सहयोगी के रूप में स्थापित किया। 35 से अधिक देशों और 240 से अधिक विशेषज्ञ प्रस्तुतियों के साथ यह आयोजन भारत की अंतरिक्ष कूटनीति, तकनीकी क्षमता और मानवता-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रभावशाली प्रदर्शन बना।


"भारत अब अनुसरण नहीं करता, वह दिशा देता है" — डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन भाषण में स्पष्ट शब्दों में कहा:

"भारत ने अंतरिक्ष में एक अनुयायी से वैश्विक प्रवर्तक तक की यात्रा तय की है।"
"हम प्रभुत्व के लिए नहीं, साझेदारी और सहयोग के लिए काम कर रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि 'भारत के लिए A' और 'दुनिया के लिए B' की नीति भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को नागरिकों की सेवा में लगाने और वैश्विक हित में उपयोग करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।


ग्लेक्स 2025: नवाचार, समावेश और प्रेरणा का संगम

इस सम्मेलन की थीम “नए संसारों तक पहुंचना: एक अंतरिक्ष अन्वेषण पुनर्जागरण” रही।
इसके मुख्य आकर्षणों में शामिल थे:

  • 240+ इंटरएक्टिव प्रस्तुतियां — 15 प्रमुख विषयों पर 10 तकनीकी सत्रों में

  • 22 अंतरिक्ष प्रदर्शनी स्टॉल — ISRO, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और भारतीय स्टार्टअप्स

  • 10 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इंटरैक्शन — जिनमें राकेश शर्मा, हज़ा अल मंसूरी, माइकल लोपेज़-एलेग्रिया जैसे नाम शामिल रहे

  • ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन द्वारा सामाजिक उपयोगों हेतु अंतरिक्ष तकनीक की भूमिका पर विशेष विचार


भारत का अंतरिक्ष इकोसिस्टम — स्टार्टअप्स की उड़ान

डॉ. सिंह ने बताया कि भारत में पिछले दो वर्षों में 190 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप्स उभरे हैं।

"सरकार की अंतरिक्ष क्षेत्र खोलने की नीति ने नवाचार को नई गति दी है।"
उन्होंने इसे "स्पेस का लोकतंत्रीकरण" कहा — जहां प्रत्येक युवा, वैज्ञानिक और उद्यमी को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी का अवसर मिल रहा है।


'विश्व बंधु भारत' — समावेशी नेतृत्व का संदेश

भारत ने इस मंच से एक स्पष्ट संदेश दिया:

"हम अंतरिक्ष में ‘बड़े भाई’ नहीं, बल्कि ‘समान भाई’ के रूप में हैं।"

इस सोच ने ग्लेक्स 2025 को केवल एक टेक्नोलॉजी इवेंट नहीं, बल्कि एक वैश्विक मूल्यों और सहयोग पर केंद्रित मिशन बना दिया।

— भारत की अंतरिक्ष उड़ान, अब वैश्विक प्रेरणा

ग्लेक्स 2025 ने भारत को वैज्ञानिक नेतृत्व, सांस्कृतिक सौहार्द और वैश्विक साझेदारी के त्रिकोण में स्थापित कर दिया।
गगनयान, चंद्र अभियान और ग्रह अन्वेषणों की पृष्ठभूमि में यह सम्मेलन न केवल भारत की प्रगति का मंच बना, बल्कि नई पीढ़ी को प्रेरित करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण भी साबित हुआ।


ग्लेक्स 2025 का संदेश स्पष्ट है: जब भारत उड़ता है, तो सिर्फ खुद के लिए नहीं, पूरी दुनिया के साथ मिलकर उड़ान भरता है।