एनएचआरसी के दूसरे आईटीईसी कार्यकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का भव्य समापन, ग्लोबल साउथ के 11 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा ग्लोबल साउथ के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (एनएचआरआई) के वरिष्ठ पदाधिकारियों के लिए आयोजित छह दिवसीय आईटीईसी कार्यकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया गया, जिसमें मेडागास्कर, युगांडा, तिमोर लेस्ते, डीआर कांगो, टोगो, माली, नाइजीरिया, मिस्र, तंजानिया, बुरुंडी और तुर्कमेनिस्तान के 35 वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया।
न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम का संदेश: "ज्ञान के आदान-प्रदान से बनेगी बेहतर दुनिया"
समापन सत्र को संबोधित करते हुए एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम ने ज्ञान के मुक्त प्रवाह को एक न्यायपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज की आधारशिला बताया। उन्होंने कहा कि मानवता में वह शक्ति है, जो पृथ्वी पर न्याय की स्थापना कर सकती है। उन्होंने ऋग्वेद का उल्लेख करते हुए कहा, "सभी दिशाओं से अच्छे विचारों का स्वागत करें।"
मानवाधिकारों को लेकर वैश्विक एकजुटता पर जोर
एनएचआरसी, भारत के सदस्य न्यायमूर्ति (डॉ.) बिद्युत रंजन सारंगी ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन में वैश्विक एकता बेहद आवश्यक है। उन्होंने "वसुधैव कुटुंबकम" की भावना को दोहराते हुए कहा कि विश्व एक परिवार है और मानवाधिकारों की रक्षा में सभी का समान योगदान होना चाहिए।
एनएचआरसी की सदस्य श्रीमती विजया भारती सयानी ने महिला-पुरुष समानता और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। वहीं, महासचिव श्री भरत लाल ने ग्लोबल साउथ के देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रतिष्ठित वक्ताओं ने साझा किए बहुमूल्य विचार
कार्यक्रम के दौरान कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने मानवाधिकारों और सुशासन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। इनमें शामिल थे:
✔ नीति आयोग के सदस्य श्री वी.के. पॉल
✔ पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार
✔ संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी
✔ संयुक्त राष्ट्र के अर्थशास्त्री श्री क्रिस गैरोवे
✔ पूर्व डीजीपी (आईबी) श्री मनोज यादव
इन वक्ताओं ने मानवाधिकारों की रक्षा, शासन व्यवस्था, और नीति निर्माण से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
संभागीय दौरे: प्रतिभागियों को मिला भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचय
प्रतिभागियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री संग्रहालय, हुमायूं का मकबरा, ताजमहल और दिल्ली हाट जैसे प्रतिष्ठित स्थलों का भ्रमण कराया गया।
कार्यक्रम से वैश्विक मानवाधिकार नेटवर्क को मिलेगा नया आयाम
एनएचआरसी, भारत के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। एसएसपी विक्रम हरिमोहन मीणा ने पुलिस और मानवाधिकार संगठनों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
निष्कर्ष
यह कार्यक्रम मानवाधिकारों की रक्षा और वैश्विक समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। यह आईटीईसी कार्यक्रम केवल शिक्षा और जागरूकता का मंच ही नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय संवाद का सेतु भी बना, जो भविष्य में और अधिक प्रभावशाली सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।