हमारे जनजातीय बच्चे भविष्य का इंतज़ार नहीं कर रहे, वे भविष्य बन रहे हैं

हमारे जनजातीय बच्चे भविष्य का इंतज़ार नहीं कर रहे, वे भविष्य बन रहे हैं

राउरकेला, 15 नवंबर 2025।
भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव दिवस के पावन अवसर पर राउरकेला के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में आयोजित चौथे राष्ट्रीय ईएमआरएस खेलकूद महोत्सव 2025 के भव्य समापन समारोह ने इतिहास रच दिया। देशभर से आए जनजातीय छात्र-खिलाड़ियों के जोश, उत्साह और उत्कृष्टता से भरे इस मंच पर, राष्ट्रीय जनजातीय छात्र शिक्षा समिति (नेस्ट्स) के आयुक्त श्री अजीत कुमार श्रीवास्तव (आईआरएएस) ने एक प्रेरक, दूरदर्शी और भावनाओं से ओत-प्रोत संबोधन देकर समूचे वातावरण को गौरव और आत्मविश्वास से भर दिया।


‘पहचान, उत्कृष्टता, एकता और आकांक्षा’ का उत्सव

श्री श्रीवास्तव ने अपने स्वागत वक्तव्य की शुरुआत ही इन शब्दों से की—
“हमारे जनजातीय बच्चे बेहतर भविष्य का इंतज़ार नहीं कर रहे… वे स्वयं भविष्य बन रहे हैं।”

इस सम्मेलन में 22 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 5500 से अधिक छात्र शामिल हुए। आयुक्त ने इसे मात्र खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय एकता का एक महाआयोजन बताया।


ईएमआरएस: जनजातीय शिक्षा की ‘मौन क्रांति’

अपने संबोधन में आयुक्त ने देशभर में ईएमआरएस (एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय) की ऐतिहासिक प्रगति को प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह व्यवस्था आदिवासी शिक्षा के क्षेत्र में एक शांत लेकिन शक्तिशाली क्रांति की तरह उभर चुकी है।

प्रमुख बिंदु:

  • 1997-98 में शुरू हुई ईएमआरएस योजनाओं का उद्देश्य: जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करना।

  • 2025 तक 728 ईएमआरएस स्वीकृत, लक्ष्य—हर जनजातीय बहुल ब्लॉक में कम से कम एक विद्यालय।

  • वर्तमान में 477 सक्रिय विद्यालय, जिनमें 1.4 लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत।

  • प्रति छात्र ₹1.47 लाख वार्षिक व्यय और ₹34,971 सहायक व्यय, जिसका उपयोग शिक्षा, खेल और सर्वांगीण विकास पर किया जा रहा है।


ओडिशा—ईएमआरएस आंदोलन में सबसे अग्रणी राज्य

मेज़बान राज्य की सराहना करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि:

  • ओडिशा में देश में सबसे अधिक 114 स्वीकृत ईएमआरएस हैं।

  • वर्तमान में 17 जिलों में 47 विद्यालय सक्रिय—12,306 छात्र नामांकित।

  • राज्य ने लगातार ईएमआरएस कार्यक्रमों की उत्कृष्ट मेजबानी कर एक नया मानक स्थापित किया है।


22 खेल विधाएं, 8 स्थान—खेल का विशाल उत्सव

आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष के स्टूडेंट स्पोर्ट्स फेस्टिवल में:

  • 22 खेल विधाएं

  • 8 खेल स्थल, और

  • 7000 से अधिक सहयोगी (शिक्षक, अधिकारी, स्वयंसेवक) शामिल हुए

उन्होंने खिलाड़ियों के अनुशासन, कौशल और खेल भावना की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि
“इनमें से कई छात्र भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, और वैश्विक खेल मंच पर देश का नाम रोशन करेंगे।”


सभी योगदानकर्ताओं के प्रति आभार

अपने अभिभूत कर देने वाले शब्दों में आयुक्त ने ओडिशा सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय, जिला प्रशासन सुंदरगढ़, राउरकेला इस्पात संयंत्र, पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य, परिवहन, पुलिस, कार्यक्रम प्रबंधन दल, यूएनडीपी, स्वयंसेवक और प्रशिक्षकों का विशेष आभार व्यक्त किया।


ईएमआरएस छात्रों के लिए प्रेरक संदेश—‘आप इतिहास रच रहे हैं’

सभा में सबसे भावनात्मक क्षण वह था जब आयुक्त ने विद्यार्थियों को सीधे संबोधित किया:

“आप में से हर एक क्षमता और आत्मविश्वास की एक अनूठी कहानी है।
आपके गाँव से इस स्टेडियम तक का सफ़र ही आपकी पहली जीत है।
आप सिर्फ़ भाग नहीं ले रहे—
आप इतिहास रच रहे हैं।”

इन शब्दों ने पूरे स्टेडियम में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ा दी।


समापन—एक आंदोलन जो बदल रहा है भारत का भविष्य

अपने अंतिम संबोधन में आयुक्त ने घोषणा की कि ईएमआरएस आंदोलन अब:

  • दृश्यमान, शक्तिशाली और आत्मविश्वासी परिवर्तन बन चुका है

  • और नेस्ट्स भविष्य में भी आदिवासी युवाओं के लिए
    शिक्षा, खेल, नेतृत्व और राष्ट्रनिर्माण के नए अवसर तैयार करता रहेगा

उनके शब्दों में, “ईएमआरएस सिर्फ़ स्कूल नहीं—यह भारत के जनजातीय भविष्य की नई पहचान है।”