खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025: SAI गांधीनगर के पावरलिफ्टर्स ने जीते 10 पदक, 7 राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त!

खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025: SAI गांधीनगर के पावरलिफ्टर्स ने जीते 10 पदक, 7 राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त!

दिल्ली में आयोजित खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) गांधीनगर के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOE) के पावरलिफ्टिंग एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। 27 मार्च को संपन्न हुए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में SAI के होनहार खिलाड़ियों ने 7 स्वर्ण सहित कुल 10 पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया।

राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त कर चमके सितारे

पैरा-पावरलिफ्टिंग मुकाबले में झंडू कुमार (72 किग्रा), जसप्रीत कौर (45 किग्रा), सीमा रानी (61 किग्रा) और मनीष कुमार (54 किग्रा) ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किए। खास बात यह रही कि झंडू, जसप्रीत और मनीष ने हाल ही में नोएडा में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बनाए गए अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

SAI गांधीनगर – भारत का पैरा पावरलिफ्टिंग हब

SAI गांधीनगर के मुख्य पावरलिफ्टिंग कोच राजिंदर सिंह राहेलू, जो 2004 ओलंपिक्स में कांस्य पदक विजेता रह चुके हैं, ने इस सफलता को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने बताया,
"केआईपीजी से ठीक पहले हमने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 8 स्वर्ण और 3 राष्ट्रीय रिकॉर्ड सहित 12 पदक जीते थे। इस बार भी हमने 7 स्वर्ण और 3 रजत सहित 10 पदक अपने नाम किए और कुल 7 राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़े। यह हमारे एथलीटों के आत्मविश्वास और मेहनत का परिणाम है।"

उन्होंने यह भी बताया कि SAI गांधीनगर अब भारत का नंबर 1 पैरा पावरलिफ्टिंग प्रशिक्षण केंद्र बन चुका है, जहां विश्वस्तरीय फिटनेस सेंटर, एयर-कंडीशंड पावरलिफ्टिंग हॉल और अत्याधुनिक रिकवरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

मिश्र विश्व चैंपियनशिप और पैरालंपिक की तैयारी

SAI गांधीनगर के कोच राहेलू ने आगे कहा,
"अब हमारा अगला लक्ष्य अक्टूबर में मिस्र में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में 3-4 पदक जीतना है। हमारे केंद्र से परमजीत कुमार पहले ही विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं और अब हम राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भी पदक लाने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।"

खेलो इंडिया पैरा गेम्स – एक नए युग की शुरुआत

खेलो इंडिया पैरा गेम्स का दूसरा संस्करण 20-27 मार्च 2025 को दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें छह खेलों में प्रतिभागियों ने दमखम दिखाया। यह प्रतियोगिता भारत के दिव्यांग खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारियों का अनुभव देने के लिए एक बेहतरीन मंच बन चुकी है।

नया लक्ष्य – भारत को पैरालंपिक में पदक दिलाना!

SAI गांधीनगर के एथलीटों की यह ऐतिहासिक सफलता न केवल देश के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह संकेत भी है कि आने वाले वर्षों में भारतीय पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व स्तर पर चमकने के लिए तैयार है। अब अगला लक्ष्य पैरालंपिक में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करना है! ????????????????