राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024: हिंदी भाषा में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एएमपीआरआई), भोपाल ने विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल, मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल; सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल के सहयोग से पिछले वर्षों की परंपरा को जारी रखते हुए "राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024" का आयोजन किया। यह सम्मेलन का चौथा संस्करण था, जो 30-31 जुलाई को आयोजित किया गया।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं को हिंदी में अपने काम को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना था, जिससे इस भाषा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने में बढ़ावा मिले। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया, जिन्होंने भाषा में ज्ञान और विज्ञान को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. यादव ने कहा, "हम अपनी भाषा में ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से ही विश्वगुरु बन सकते हैं।" उन्होंने सम्मेलन के एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में विकसित होने की आशा व्यक्त की।
सीएसआईआर-एएमपीआरआई के निदेशक श्री अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने अपने स्वागत भाषण में इस सम्मेलन के माध्यम से हिंदी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला और वैज्ञानिक समुदाय से इसमें सक्रिय योगदान देने का आग्रह किया।
सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के निदेशक और सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) के कार्यवाहक निदेशक प्रो. वेणुगोपाल अचंता ने विज्ञान संचार के माध्यम के रूप में हिंदी के उपयोग के महत्व को रेखांकित किया।
रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे को हिंदी साहित्य और लेखन के माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से सम्मानित किया गया।
विज्ञान कवि गोष्ठी, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा सम्मेलन के अन्य सह-आयोजकों के सहयोग से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम है, जो 30 जुलाई, 2024 को आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी द्वारा उद्घाटन किया गया। इस विज्ञान कविता संगोष्ठी ने कवियों, विज्ञान संचारकों और लेखकों को हिंदी के माध्यम से विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम में 12 प्रतिष्ठित विज्ञान कवियों ने अपनी मनमोहक कविताएं प्रस्तुत कीं।
31 जुलाई को समापन सत्र में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला ने भाग लिया। इस सत्र के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों और सीएसआईआर-एएमपीआरआई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। सम्मेलन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, आयुर्वेद और विज्ञान संचार के विविध विषयों पर छह सत्र आयोजित किए गए।
राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 हिंदी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान को समृद्ध करने और भाषा में वैज्ञानिक चर्चा के साथ अधिक से अधिक जुड़ाव को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।