रिश्तों का अनमोल उत्सव: रक्षाबंधन 2025 में बंधन और भी पवित्र, और भी गहरा

रिश्तों का अनमोल उत्सव: रक्षाबंधन 2025 में बंधन और भी पवित्र, और भी गहरा
  • आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता मनोज कुमार

श्रावण मास की मधुर फुहारों के बीच, सावन की सुगंध और रिश्तों की मिठास से लिपटा रक्षाबंधन 2025 आज पूरे देश में उल्लास, प्रेम और अपनापन का संदेश लेकर आया है। बहनों के हाथों की रेशमी राखियां, भाई की कलाई पर सजकर सिर्फ धागा नहीं, बल्कि विश्वास, सुरक्षा और आजीवन साथ निभाने का वचन बन रही हैं।

सुबह से ही घर-आँगन में पूजा की थालियां सजीं, मिठाइयों की महक फैली और चंदन, अक्षत व आरती की ज्योति के साथ इस पावन बंधन का शुभारंभ हुआ। बहनों ने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए तिलक, आरती और मिठाई के साथ रक्षा-सूत्र बांधा, वहीं भाइयों ने स्नेह और जिम्मेदारी का वचन देकर इस बंधन को और मजबूत किया।

इस बार रक्षाबंधन 2025 की खासियत यह रही कि संयोग से पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त पूरे दिन उपलब्ध रहा, जिससे देशभर में लोग बिना किसी बाधा के उत्सव का आनंद ले सके। मंदिरों और बाजारों में रौनक देखते ही बन रही थी—रंग-बिरंगी राखियां, हस्तनिर्मित कारीगरी और आधुनिक डिज़ाइन ने इस त्यौहार की खूबसूरती को और बढ़ा दिया।

यह पर्व सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सेना, पुलिस और सामाजिक संगठनों में भी बहनों ने वीरों की कलाई पर राखी बांधकर राष्ट्र की रक्षा का संकल्प मजबूत किया। कई स्थानों पर अनाथालय, वृद्धाश्रम और अस्पतालों में भी रक्षाबंधन के कार्यक्रम हुए, जिसने साबित कर दिया कि यह बंधन सिर्फ खून का नहीं, बल्कि दिल से दिल का होता है।

रक्षाबंधन 2025 का संदेश साफ है —
"जहां अपनापन है, वहां बंधन है… और जहां बंधन है, वहां प्रेम और सुरक्षा सदा अमर रहती है।"


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