विश्व रेडक्रॉस दिवस पर गोरखपुर में मनाया गया सेवा और संवेदना का उत्सव

— “मानवता ही हमारा धर्म है” विषय पर हुआ विचार मंथन, रक्तदान और बचाव उपायों ने बटोरी सराहना
गोरखपुर।
प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाने वाला विश्व रेडक्रॉस दिवस इस बार गोरखपुर में भी सेवा, समर्पण और जागरूकता का उत्सव बन गया। प्रताप नारायण सिंह जनता इंटर कॉलेज, बरही में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में रेडक्रॉस के सिद्धांतों और मानवीय मूल्यों को लेकर विविध गतिविधियों की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम का शुभारंभ रेडक्रॉस के सभापति शिवेंद्र विक्रम सिंह द्वारा रेडक्रॉस ध्वजरोहण एवं जूनियर रेडक्रॉस की टीम द्वारा सामूहिक प्रार्थना से हुआ, जिसने समूचे परिसर को सेवा भाव की भावना से ओतप्रोत कर दिया।
इसके उपरांत राष्ट्रीय जूनियर रेडक्रॉस स्टडी कम ट्रेनिंग कार्यक्रम (पुरी, ओडिशा) में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम ने हीट वेव, सड़क दुर्घटनाओं और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तत्काल बचाव के उपायों का प्रदर्शन किया। उनके व्यावहारिक व सूचनात्मक प्रदर्शन को देख जनसमूह दंग रह गया और सराहना की बौछार कर दी।
✍️ “Humanity is our Religion” विषय पर परिचर्चा
रेडक्रॉस दिवस की थीम “ह्यूमैनिटी इज आवर रिलीजन” पर आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने कहा कि जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीय सीमाओं से परे जाकर मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। वक्ताओं ने रेडक्रॉस के आदर्शों की प्रासंगिकता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
???? रक्तदान शिविर में उमड़ा उत्साह
कार्यक्रम में रक्तदान शिविर का आयोजन रेडक्रॉस के रक्तदान प्रभारी ज्ञानेंद्र ओझा द्वारा किया गया, जिसमें जिला अस्पताल ब्लड बैंक के सहयोग से 20 लोगों ने रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की। रेडक्रॉस के सभापति शिवेंद्र विक्रम सिंह ने सभी रक्तदाताओं को “टोकन ऑफ लव” और जिला अस्पताल की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
???? कार्यक्रम में शामिल रहे समाजसेवा और चिकित्सा क्षेत्र के गणमान्य
रेडक्रॉस दिवस के इस प्रेरणादायक आयोजन में रेडक्रॉस संरक्षक सदस्य ईश्वर चंद्र जायसवाल, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. प्रशांत अस्थाना, सचिव अजय प्रताप सिंह, डॉ. अवधेश शुक्ला, डॉ. प्रियंका यादव, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. संतोष नायक, अधिवक्ता सत्येंद्र बहादुर सिंह, विवेक जायसवाल, पुष्पराज दुबे, पंकज पांडेय, अनिता कश्यप, प्रधानाचार्य डॉ. संतोष, कमलेश यादव, और अनेक शिक्षकों, अभिभावकों और सैकड़ों विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
???? निष्कर्ष:
विश्व रेडक्रॉस दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि सेवा, सहानुभूति और जागरूकता का प्रतीक है। गोरखपुर के इस आयोजन ने न केवल युवाओं में मानवता के बीज बोए, बल्कि समाज को यह सिखाया कि आपातकाल में संवेदनशीलता और तत्परता ही सच्ची मानवता है।