भारतीय वायुसेना का बड़ा युद्धाभ्यास आज गुजरात तट पर – हवाई क्षेत्र में नागरिक उड़ानों पर अस्थायी रोक

नई दिल्ली | रक्षा संवाददाता विशेष रिपोर्ट
4 जून 2025 को भारतीय वायुसेना (IAF) गुजरात तट के पास एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास का संचालन कर रही है। इसको लेकर वायुसेना द्वारा NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया गया है, जो दर्शाता है कि संबंधित हवाई क्षेत्र में अस्थायी प्रतिबंध लागू रहेंगे।
अभ्यास का शेड्यूल
- तारीख: 4 जून 2025
- समय: दोपहर 3:30 बजे से रात 9:00 बजे तक (भारतीय मानक समय)
- स्थान: गुजरात तट से लगे हुए समुद्री और हवाई क्षेत्र
उड़ानों पर अस्थायी रोक
इस अभ्यास के दौरान, नागरिक और गैर-सैन्य उड़ानों पर अस्थायी रोक लगाई गई है। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और सैन्य अभ्यास की प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए लिया गया है। संबंधित एयर ट्रैफिक कंट्रोल को निर्देश दे दिए गए हैं ताकि सभी उड़ानें निर्धारित मार्ग से हटाई जा सकें।
अभ्यास का उद्देश्य क्या है?
यह अभ्यास भारतीय वायुसेना की
-
युद्ध तत्परता
-
तेजी से तैनाती की क्षमता
-
और समुद्री क्षेत्र में निगरानी व प्रतिक्रिया दक्षता का परीक्षण करेगा।
इसका मकसद भारत की पश्चिमी समुद्री सीमा की सुरक्षा को और भी मजबूत करना है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक और क्षेत्रीय समुद्री तनाव लगातार बढ़ रहे हैं।
"यह अभ्यास हमारी सेना की तैयारियों और समर्पण का परिचायक है, जो हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहती है।"
— रक्षा विशेषज्ञ
अंतरराष्ट्रीय संदेश
यह अभ्यास न केवल घरेलू सुरक्षा के लिहाज़ से अहम है, बल्कि यह पड़ोसी देशों को यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि भारत की वायुसेना तेज, आधुनिक और सशक्त है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास भारत की ‘एक्टिव डिटरेंस स्ट्रैटेजी’ का हिस्सा हो सकता है, जो किसी भी संभावित आक्रामकता को रोकने के लिए मजबूत सैन्य उपस्थिति दिखाने का तरीका है।
भारत की वायुसेना – संकल्प और शक्ति
भारतीय वायुसेना समय-समय पर इस तरह के अभ्यास कर अपनी तैयारियों को परखती रहती है। यह अभ्यास इस बात का प्रमाण है कि भारत आधुनिक तकनीक, रणनीतिक सूझबूझ और संकल्प शक्ति से लैस है।
सावधानी: इस दौरान गुजरात तटीय क्षेत्रों के नज़दीक रह रहे नागरिकों से अपील है कि वे हवाई गतिविधियों को लेकर सचेत रहें और किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना संबंधित प्रशासन को दें।