परमाणु घड़ियों में क्रांति: क्वांटम मैग्नेटोमेट्री के जरिए नौवहन, दूरसंचार और विमानन क्षेत्र को मिलेगी नई सटीकता

परमाणु घड़ियों में क्रांति: क्वांटम मैग्नेटोमेट्री के जरिए नौवहन, दूरसंचार और विमानन क्षेत्र को मिलेगी नई सटीकता

नई खोजों की दिशा में आगे बढ़ते हुए, रमन अनुसंधान संस्थान (आरआरआई) के शोधकर्ताओं ने एक अद्वितीय प्रयोग के जरिए क्वांटम मैग्नेटोमेट्री का उपयोग करके परमाणु घड़ियों और मैग्नेटोमीटर की सटीकता में क्रांति ला दी है। इस प्रयास से नौवहन, दूरसंचार, और विमानन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समय और परिशुद्धता के नए आयाम खुलेंगे।

वैज्ञानिकों ने रिडबर्ग परमाणु और इलेक्ट्रोमैग्नेटिकली इंड्यूस्ड ट्रांसपेरेंसी (EIT) जैसी अत्याधुनिक विधियों का उपयोग कर डॉप्लर प्रभाव से प्रेरित होकर चुंबकीय क्षेत्रों के प्रति दस गुना अधिक संवेदनशील प्रतिक्रिया हासिल की है। यह अनूठी खोज परमाणु घड़ियों और मैग्नेटोमीटर के लिए एक बड़ा कदम है, जो भविष्य में इन क्षेत्रों में सटीकता और विश्वसनीयता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। 

डॉ. संजुक्ता रॉय की अगुआई में आरआरआई के इस शोध ने यह सिद्ध किया है कि कमरे के तापमान पर भी अत्यधिक संवेदनशील परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उनके नेतृत्व में हुई इस सफलता से कमरे के तापमान पर मैग्नेटिक फील्ड्स का सटीक मापन आसानी से संभव हो सकेगा, जो भूभौतिकी, मस्तिष्क की गतिविधियों की जांच, अंतरिक्ष अन्वेषण, और पुरातत्व तक कई क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सकता है।