कांस्टेबल चन्द्रभान सिंह को लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया

जनपद गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आज थाना गीडा के चौकी नौसढ़ पर नियुक्त कांस्टेबल चन्द्रभान सिंह को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और अनुशासनहीनता बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, उनके विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
कांस्टेबल चन्द्रभान सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती, जिससे पुलिस विभाग की छवि पर बुरा असर पड़ा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अनुसार, कांस्टेबल सिंह ने अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लिया और स्वेच्छाचारिता तथा अनुशासनहीनता का प्रदर्शन किया।
सूत्रों के अनुसार, कांस्टेबल चन्द्रभान सिंह पर कई मामलों में स्वेच्छाचारिता और अनुशासनहीनता का आरोप है। उन्होंने पुलिस विभाग के नियमों और निर्देशों का पालन नहीं किया, जिससे विभाग की कार्यकुशलता और साख पर असर पड़ा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की और कांस्टेबल चन्द्रभान सिंह को निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा, "पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस प्रकार के कृत्य न केवल विभाग की छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाते हैं।"
कांस्टेबल सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं। जांच समिति इस मामले की विस्तृत जांच करेगी और सत्यता का पता लगाएगी। यदि कांस्टेबल चन्द्रभान सिंह दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस विभाग ने जनता से अपील की है कि वे पुलिस पर विश्वास बनाए रखें। विभाग अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की कर्तव्यपरायणता और ईमानदारी के प्रति प्रतिबद्ध है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि पुलिस विभाग अपने अधिकारियों और कर्मचारियों से उच्चतम स्तर की जिम्मेदारी और अनुशासन की अपेक्षा करता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से विभाग में अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को बढ़ावा देगा। पुलिस विभाग का यह संदेश स्पष्ट है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को उनके कृत्यों के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।