प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए नेताओं का दौरा
![प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए नेताओं का दौरा](https://rv9news.com/rv9news/uploads/images/202406/image_750x_666432f12a57b.jpg)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह: 'पड़ोसी पहले' नीति को मिला नया आयाम
नई दिल्ली, आम चुनाव 2024 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून, 2024 को भव्य तरीके से आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और हिंद महासागर क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, कई पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। यह समारोह न केवल भारतीय लोकतंत्र की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रतीक है।
विशिष्ट अतिथियों का आगमन
श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति श्री अहमद अफिफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, और भूटान के प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे ने इस ऐतिहासिक समारोह में उपस्थित होने का निमंत्रण स्वीकार किया।
समारोह की विशेषताएँ
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न देशों के नेता और भारतीय गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। समारोह की गरिमा और भव्यता ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल की शुरुआत को चिह्नित करते हुए, इस समारोह में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक भी देखने को मिली।
'पड़ोसी पहले' नीति और 'सागर' दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'पड़ोसी पहले' नीति और 'सागर' (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) दृष्टिकोण को इस समारोह के माध्यम से नए सिरे से महत्व दिया गया। इन नीतियों के तहत भारत ने अपने पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के साथ सहयोग और साझेदारी को प्राथमिकता दी है। शपथ ग्रहण समारोह में इन देशों के नेताओं की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारत क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
शाम के भोज में विशेष आमंत्रण
शपथ ग्रहण समारोह के बाद, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा आयोजित विशेष भोज में सभी अतिथियों को आमंत्रित किया गया। इस भोज में भारतीय और विदेशी नेताओं ने आपसी संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। यह भोज न केवल औपचारिकता का प्रतीक था, बल्कि आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर भी था।
भारतीय जनता का समर्थन और उत्साह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में देशभर से आए समर्थकों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। लोगों के उत्साह और समर्थन ने इस समारोह को और भी खास बना दिया। देशवासियों की उम्मीदें और सपने इस नए कार्यकाल में निहित हैं, और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में सभी को साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह न केवल भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि यह भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। 'पड़ोसी पहले' नीति और 'सागर' दृष्टिकोण को प्राथमिकता देकर, भारत ने एक बार फिर से क्षेत्रीय शांति और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। इस ऐतिहासिक अवसर ने भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं को उजागर किया है।