रक्तदान महादान: सी स्काई फाउंडेशन ट्रस्ट ने बेबी मिश्रा के लिए रक्तदान किया

रक्तदान महादान: सी स्काई फाउंडेशन ट्रस्ट ने बेबी मिश्रा के लिए रक्तदान किया

 "रक्तदान महादान है" - इस विचारधारा को जीते हुए, सी स्काई फाउंडेशन ट्रस्ट ने शुक्रवार को एक और उदाहरण पेश किया, जब उनके फाउंडर सच्चिदा नंद मौर्या ने सावित्री ब्लड बैंक में पहुंचकर बेबी मिश्रा के लिए रक्तदान किया। बेबी मिश्रा, जो कि 47 वर्षीय हैं, उन्हें डायलिसिस के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे पहले भी कई बार रक्त चढ़वा चुकी हैं और उनके परिवार के सदस्य भी समय-समय पर रक्तदान करते रहते हैं। 

इस बार, बेबी मिश्रा को एक यूनिट ब्लड की आवश्यकता थी, और सी स्काई फाउंडेशन ट्रस्ट ने उनके लिए यह सुनिश्चित किया। सच्चिदा नंद मौर्या ने शुक्रवार सुबह 11 बजे सावित्री ब्लड बैंक में पहुंचकर रक्तदान किया। यह रक्तदान बेबी मिश्रा के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि चार दिनों से उनकी तबीयत बिगड़ रही थी और डॉक्टर ने तुरंत डायलिसिस की सलाह दी थी। 

बेबी मिश्रा के परिवार ने भी इस अवसर पर फाउंडेशन ट्रस्ट का धन्यवाद किया और कहा कि रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए। परिवार ने बताया कि उनकी छोटी बेटी ने भी पहले अपनी मां के लिए रक्तदान किया था। "यह एक अनमोल सेवा है," बेबी मिश्रा के परिवार ने कहा।

रक्तदान से कई जानें बचाई जा सकती हैं। सी स्काई फाउंडेशन ट्रस्ट ने रक्तदान की महत्ता को उजागर किया और लोगों को इससे जुड़े लाभों के बारे में जागरूक किया। ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह और राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष शालिनी दुबे ने भी रक्तदान को प्रोत्साहित करने के लिए अपील की। 

सच्चिदा नंद मौर्या ने अपने रक्तदान के अनुभव को साझा करते हुए कहा, "आपका रक्त किसके काम आएगा, यह हमें नहीं पता, लेकिन जब भी मौका मिले, हमें रक्तदान करना चाहिए।" उन्होंने कहा, "यह खून नहीं, यह पानी है, जो किसी के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।"

सी स्काई फाउंडेशन ट्रस्ट के इस प्रयास ने फिर से साबित कर दिया कि एक व्यक्ति का रक्तदान कितनी जानें बचा सकता है। यह सिर्फ एक यूनिट रक्त का सवाल नहीं है; यह एक जीवन देने का अवसर है। ट्रस्ट के इस प्रयास को व्यापक सराहना मिल रही है, और लोगों को इससे प्रेरणा लेकर आगे आना चाहिए और रक्तदान करना चाहिए।