कभी ना करे सन्त ब्राह्मण गौ का अपमान :- आचार्य आनन्द जी महाराज
संवाददाता__नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
जीवन में कभी भी सन्त ब्राह्मण गौ का अपमान नही करना चाहिए। सन्त, ब्राह्मण, गौ ये सनातन धर्म के आधार है। इनके बिना सनातन धर्म की कल्पना नही की जा सकती। भगवान के अवतारों का मुख्य कारण सन्त, ब्राह्मण, गौ ही है।
मानस जी मे श्री तुलसीदास जी कहते है, बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार...
उक्त बातें गगहा विकास खंड के ढ़रसी ग्राम में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन वृंदावन धाम से पधारे परम पूज्य आचार्य आनन्द जी महाराज जी ने व्यास पीठ से उपस्थित श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि गौ ब्राह्मण सन्त धर्म के आधार है। हर एक सनातन धर्मावलंबी का कर्तव्य है की अपने घर वेद लक्षण देशी गौ माता को रखे और हृदय में देवी भाव रख कर उनकी सेवा करें, क्योंकि गाय साक्षात देवी हैं। इनकी सेवा स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जी ने किया है। जिसके कारण भगवान का नाम गोपाल पड़ता है। गौ माता भगवान की भी भगवान हैं। कथा का विस्तार करते हुवे महाराज जी ने कहा जब जब असुरो ने धर्म को नष्ट करने का प्रयास किया तब तब धर्म के आधार गौ ब्राह्मण संतो को ही नष्ट करना चाहें। ब्राह्मण कठिन यातना सह कर भी धर्म को नही छोड़े।
प्राण त्यागना श्रेष्ठ समझा पर धर्म को नही त्यागे। आज जो हम लोगो को शास्त्रों पुराणों वेदो का अध्ययन करने का सौभाग्य मिला है,ये ब्राह्मणों की कृपा से हैं। इसलिए हरेक सनातनी का धर्म है कि वो विप्रो का आदर करें, और ब्राह्मणों को चाहिए कि वो अपने देवत्व को समझे अपने आहार विहार विचार को पवित्र रखे। शास्त्रों का स्वाध्याय करे। अपने को परमात्मा का प्रतिनिधि समझ कर समाज के हरेक व्यक्ति के के हित के विषय में सोचे जिससे धर्म और राष्ट्र का उत्थान होगा।
इस अवसर पर आचार्य अतुल दूबे, आचार्य शशिकांत मिश्र, मुख्य यजमान श्री घनश्याम तिवारी व श्रीमती गिरिजा देवी, अभिषेक शुक्ला,योगेश तिवारी, वैभव तिवारी , अमित ओझा,राम नगीना त्रिपाठी,रमेश तिवारी,रत्नाकर तिवारी,अनूप दूबे,राधेश्याम तिवारी, सुधाकर तिवारी,संगम तिवारी, नीरज शुक्ला, संतोष शुक्ला, शिवशंकर ओझा,सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।