भारतीय चुनाव आयोग ने आम चुनाव अवधि के दौरान उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों को क्या नहीं करना चाहिए, इस पर दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं। इन सभी नियमों के अनुसार विभिन्न प्रकार के परमिट के साथ-साथ प्रचार खर्च पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही चुनाव आयोग के निर्देशों का तुरंत पालन किशन जावले द्वारा किया जाना चाहिए।
लोक सभा आम चुनाव में प्रत्याशियों व व्यय प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण जिलाधिकारी कार्यालय के राजस्व हाल में आयोजित किया गया। वे इस बारे में बात कर रहे थे। इस अवसर पर चुनाव महानिरीक्षक संजीव कुमार झा, निर्वाचन निरीक्षक धीरेन्द्रमणि त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी सुनील थोरवे, उपजिला निर्वाचन अधिकारी स्नेहा उबाले, जिला व्यय नियंत्रण समिति के नोडल अधिकारी राहुल कदम, आदर्श आचार संहिता की नोडल अधिकारी श्रीमती जोत्स्ना पडियार सहित राजनीतिक दल के प्रत्याशी व प्रतिनिधि थे वर्तमान।
चुनाव निर्णय अधिकारी श्री जावले ने कहा, चुनाव शासन प्रणाली के अधिकारी सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के सहयोग की भूमिका में काम करेंगे। प्रशिक्षण को ध्यान से समझें और आयोग के नियमों को प्राथमिकता दें। चुनाव के सम्बन्ध में विभिन्न शासकीय विभागों के समन्वय अधिकारियों की नियुक्ति की गई है तथा जिला नियंत्रण कक्ष व शिकायत नियंत्रण कक्ष, मीडिया नियंत्रण एवं सत्यापन समिति (MCMC) के साथ-साथ व्यय दल की नियुक्ति की गई है जिलाधिकारी जावले ने बताया कि चुनाव स्तर के अनुसार व्यय दल की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी।
चुनाव निर्णय अधिकारियों ने कहा आगे, चुनाव प्रचार के लिए अनुमति आवेदन "पहले आओ, पहले पाओ" सिद्धांत के अनुसार लिए जाएंगे। अच्छी पदोन्नति तिथि। शाम 6 बजे रुकने जा रहा हूँ। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अब प्रचार नहीं कर पाएगा लेकिन जिला मीडिया नियंत्रण एवं सत्यापन समिति द्वारा चुनाव के दिन और उसके एक दिन पहले विज्ञापन प्रकाशित किया जा सकता है।
इस बार आदर्श आचार संहिता, होम वोटिंग, भिक्षु पोल, E Vo M Sarmisal, प्रचार खर्च की विभिन्न दरें, चुनाव प्रचार कार्यालय, मतदान के लिए पहचान पत्र या वैकल्पिक 12 प्रमाण, चुनाव के दिन बूथ लगाने, मतदान केंद्र राजनीतिक प्रतिनिधि के बारे में जानकारी दी। इसी तरह बच्चों को चुनाव प्रचार के कार्य में न रखे, पशुओं को प्रचार के लिए न रखे, निर्देश दिए गए हैं।
इस बार चुनाव खर्च नियंत्रण समिति के नोडल अधिकारी राहुल कदम ने उपस्थित होकर मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि खर्च नियंत्रण के लिए चुनाव निर्णय अधिकारी के स्तर पर खर्च दल नियुक्त किया गया है। इस दस्ते का काम विभिन्न टीमों के साथ समन्वय से चलता है। आयोग के नियमों के अनुसार उम्मीदवारों के दैनिक खर्च की तेजी से जांच की जा रही है और दैनिक खर्च पंजीकृत किया गया है। उम्मीदवारों को उसी दिन लेखांकन और बैंक लेनदेन की जानकारी पंजीकृत करने की आवश्यकता है।
उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा 95 लाख रुपये है और नामांकन पत्र भरने के दिन से लेकर परिणाम आने तक सभी पदोन्नति दर्ज होनी चाहिए। चुनाव परिणाम के बाद तीस दिन के भीतर खर्च जमा करना अनिवार्य है, श्री कहते हैं। कदम ने कहा।
आज प्रत्याशी एवं उनके प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण सत्र के अनुरूप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जावले द्वारा प्रत्याशी एवं उनके प्रतिनिधियों के संदेह के प्रश्न उत्तर लेकर शंकाओं को दूर किया गया। इस अवसर पर जिला व्यय नियंत्रण समिति के विभिन्न पुलिस व शासकीय अधिकारीगण, अधिकारीगण मौजूद रहे।