विश्व आर्द्रभूमि दिवस: प्रकृति का अनमोल खजाना, जिसे बचाना है हमारी जिम्मेदारी!

विश्व आर्द्रभूमि दिवस: प्रकृति का अनमोल खजाना, जिसे बचाना है हमारी जिम्मेदारी!

प्राकृतिक आर्द्रभूमि: धरती का हरा दिल

हर साल 2 फरवरी को दुनिया भर में विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें प्रकृति के उस हिस्से की अहमियत याद दिलाता है, जिसे अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं – आर्द्रभूमि (Wetlands)। यह सिर्फ एक पर्यावरण दिवस नहीं है, बल्कि धरती के 'हरे दिल' की धड़कन को बचाने का संकल्प है।

आर्द्रभूमि क्यों है महत्वपूर्ण?

आर्द्रभूमियां, जैसे कि झीलें, दलदली क्षेत्र, नदियों के किनारे और तटीय इलाकों, हमारे पर्यावरण का आधार हैं।

  1. प्राकृतिक जल शोधन: ये भूमियां पानी को साफ करती हैं और प्रदूषण को रोकती हैं।
  2. प्राकृतिक बाढ़ नियंत्रण: ये पानी को अवशोषित करके बाढ़ के प्रभाव को कम करती हैं।
  3. बायोडायवर्सिटी का घर: यहां दुर्लभ प्रजातियां, जैसे पक्षी, मछलियां और वनस्पतियां, अपनी जगह पाती हैं।
  4. कार्बन भंडारण: आर्द्रभूमियां वातावरण से कार्बन को अवशोषित करके जलवायु परिवर्तन को धीमा करती हैं।

2025 की थीम: आर्द्रभूमि के संरक्षण में सभी का योगदान

इस साल का संदेश है कि आर्द्रभूमियों को बचाने में हर इंसान की भूमिका है। सरकारें, स्थानीय समुदाय, युवा और उद्योग – सभी को एकजुट होकर इस प्राकृतिक धरोहर को बचाने की जरूरत है।

भारत की आर्द्रभूमि: गौरव और चुनौती

भारत में रामसर साइट्स के तहत 75 से अधिक आर्द्रभूमियां संरक्षित हैं। इनमें सुंदरबन, चिल्का झील, वूलर झील और मानस राष्ट्रीय उद्यान जैसे इलाके शामिल हैं। लेकिन शहरीकरण और प्रदूषण के चलते इनकी स्थिति बिगड़ती जा रही है।

क्या कर सकते हैं हम?

  1. स्थानीय आर्द्रभूमि की सफाई: हम अपने क्षेत्र की झीलों और तालाबों को कचरे से मुक्त रख सकते हैं।
  2. जागरूकता फैलाना: सोशल मीडिया और स्थानीय कार्यक्रमों के जरिए आर्द्रभूमि के महत्व को साझा करें।
  3. हरियाली बढ़ाएं: पेड़ लगाएं और पानी की बर्बादी रोकें।

आर्द्रभूमि बचाओ, भविष्य संवारो

आर्द्रभूमियां सिर्फ प्रकृति का हिस्सा नहीं हैं, यह हमारी संस्कृति, आजीविका और जीवन का आधार हैं। आइए, इस विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर हम एकजुट होकर अपने पर्यावरण को बचाने की शपथ लें।

"धरती का संतुलन बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। आओ, आर्द्रभूमियों को संजोएं और प्रकृति का साथ दें।"

???? जुड़े रहें और इस अभियान का हिस्सा बनें। पर्यावरण से प्रेम करें, क्योंकि यह प्रेम ही हमारी सबसे बड़ी विरासत है।