शहीद रामसमुझ यादव की 24वीं शहादत दिवस पर शहीद मेला: कर्नल जीडी बक्शी बोले - चीन और पाकिस्तान हमें छू भी नहीं सकते
ब्यूरो प्रमुख- राधेश्याम, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
आजमगढ़। सगड़ी तहसील क्षेत्र के नत्थूपुर अंजान शहीद के शहीद पार्क में 24वीं कारगिल शहीद मेला और श्रद्धांजलि सभा का भव्य आयोजन किया गया। यह मेला शहीद रामसमुझ यादव की स्मृति में आयोजित हुआ, जिसमें पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के 30 शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की भव्यता और आयोजन की गरिमा ने हर किसी का दिल जीत लिया।
इस खास मौके पर देशभक्ति के रंग में रंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी रोमांचक बना दिया। जिले के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। भोजपुरी जगत के मशहूर कलाकार गोलू राजा और अनुपमा ने अपने बेहतरीन गीतों से समां बांध दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कर्नल जीडी बक्शी उपस्थित रहे, जिन्होंने शहीद रामसमुझ यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ दीपचंद और वर्तमान सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। कर्नल जीडी बक्शी ने अपने जोशीले भाषण में कहा, "यह भूमि वीरों की है। मैंने अपने जीवन में पांच युद्ध देखे हैं, और मैंने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को समर्पण करते देखा है। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसे कोई भी दुश्मन देश, चाहे वह चीन हो या पाकिस्तान, छू भी नहीं सकता।"
उन्होंने आगे कहा, "इस भूमि की माताएं बहादुरी के ऐसे योद्धा पैदा करती हैं जो मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण हंसते-हंसते न्योछावर कर देते हैं। मुझे इस क्षेत्र के हर घर से एक सैनिक चाहिए, जो सिर्फ सैनिक ही नहीं, बल्कि एनडीए से अफसर बने। आप में वह ऊर्जा और जोश है जो देश की सेवा में काम आ सकता है।"
कर्नल बक्शी ने शहीद रामसमुझ यादव के परिवार की तारीफ करते हुए कहा, "शहीदों की कुर्बानी को भुला दिया जाता है, लेकिन रामसमुझ का परिवार उनकी शहादत को हर साल इस भव्य मेले के माध्यम से जिंदा रखता है। यह पूरे देश के लिए एक मिसाल है। देश का हर दुश्मन इस जज्बे, जुनून और शहीदों की कुर्बानी के चलते ही भारत को समझता और जानता है।"
कारगिल योद्धा दीपचंद, जिन्होंने युद्ध में अपने हाथ और पैर गंवाए, आज भी देश के लिए मर मिटने का जज़्बा रखते हैं। उन्होंने कहा, "देश की सेवा के लिए सिर्फ 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' कहना ही काफी नहीं है, बल्कि हमारे अंदर देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए। हमें इसे जिंदा रखने की जरूरत है। रामसमुझ यादव की शहादत दिवस मनाते हुए समय बीत गया, लेकिन उनके परिवार का यह समर्पण पूरे देश में एक मिसाल है।" सांसद धर्मेंद्र यादव ने अपने संबोधन में शहीदों के सम्मान की बात उठाई। उन्होंने कहा, "मुलायम सिंह यादव ने 1996 में शहीदों को जो सम्मान दिलाया, वह आज भी जीवित है, लेकिन इसे और बेहतर बनाने की जरूरत है। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि अग्नि वीर योजना को समाप्त कर पुरानी भर्ती प्रक्रिया को बहाल किया जाए। जब तक ऐसा नहीं होता, हम चुप नहीं बैठेंगे।" उन्होंने कहा कि अब शहीदों के शव ससम्मान उनके घर पहुंचाए जाते हैं, जबकि पहले सिर्फ टोपी आती थी। यह बदलाव हमारे शहीदों के प्रति बढ़ते सम्मान का प्रतीक है।
कार्यक्रम में क्षेत्र के कई विधायक, पूर्व सांसद, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। विधायक संग्राम यादव, विजय सरोज, किशन सिंह पटेल, नफीस अहमद, पूर्व सांसद नंदकिशोर यादव, सपा जिला अध्यक्ष हवलदार यादव, राजेश यादव और गीतकार मनोज यादव ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के लिए कई थानों की पुलिस और पीएसी बल भी तैनात थे। इस भव्य आयोजन ने साबित कर दिया कि शहीदों की कुर्बानी कभी व्यर्थ नहीं जाती, और उनका नाम हमेशा अमर रहेगा। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में एकजुटता और देशभक्ति की भावना को और भी मजबूत करते हैं।