हिंद-प्रशांत में भारत की समुद्री उपस्थिति: आईएनएस सह्याद्रि मलेशिया के केमामन बंदरगाह पर पहुंचा

हिंद-प्रशांत में भारत की समुद्री उपस्थिति: आईएनएस सह्याद्रि मलेशिया के केमामन बंदरगाह पर पहुंचा

नई दिल्ली।
भारतीय नौसेना का अत्याधुनिक युद्धपोत आईएनएस सह्याद्रि 2 अक्टूबर को अपनी दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परिचालन तैनाती के तहत मलेशिया के केमामन बंदरगाह पर पहुंचा। रॉयल मलेशियाई नौसेना ने इस जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो भारत और मलेशिया के बीच गहरे सांस्कृतिक और समुद्री संबंधों का प्रतीक रहा।

स्वदेशी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का प्रतीक

आईएनएस सह्याद्रि शिवालिक श्रेणी के गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है, जिसे भारत में ही डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। वर्ष 2012 में नौसेना में शामिल हुआ यह युद्धपोत कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों का हिस्सा रह चुका है और भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का जीवंत उदाहरण है।

मलेशिया से गहराते रिश्ते

यह आईएनएस सह्याद्रि की मलेशिया की तीसरी यात्रा है। इससे पहले जहाज ने 2016 में सद्भावना मिशन के तहत पोर्ट क्लैंग का दौरा किया था और 2019 में कोटा किनाबालु में आयोजित अभ्यास ‘समुद्र लक्ष्मण’ में भाग लिया था। इन यात्राओं ने भारत-मलेशिया नौसैन्य संबंधों को परस्पर विश्वास और सहयोग पर आधारित नई ऊंचाइयां दी हैं।

परिचालन तैनाती और रणनीतिक संदेश

दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यह तैनाती भारत की छवि को एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक और विश्वसनीय सुरक्षा साझेदार के रूप में और मजबूत करती है। केमामन बंदरगाह पर पहुंचकर आईएनएस सह्याद्रि दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, इंटरऑपरेबिलिटी और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को आगे बढ़ा रहा है।

मैत्रीपूर्ण गतिविधियां और सांस्कृतिक आदान-प्रदान

तीन दिवसीय यात्रा के दौरान जहाज के कमांडिंग ऑफिसर ने रॉयल मलेशियाई नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। भारतीय और मलेशियाई नौसैनिकों के बीच व्यावसायिक आदान-प्रदान, प्रशिक्षण सत्र और खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं।
इसके अलावा चालक दल ने योग सत्र और परोपकारी कार्यक्रम भी किए, जिससे स्वास्थ्य, करुणा और मैत्रीपूर्ण सहयोग का संदेश प्रसारित हुआ।

सामरिक साझेदारी का नया अध्याय

भारत और मलेशिया के संबंध सदियों पुराने सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव पर आधारित हैं। हिंद-प्रशांत की बदलती भू-राजनीतिक स्थिति में दोनों देशों की साझेदारी और भी अहम हो गई है। भारत की ‘महासागर पहल’ और आसियान के हिंद-प्रशांत परिदृश्य (AOIP) के साथ मलेशिया की भागीदारी, समुद्री सहयोग और रणनीतिक तालमेल को नई दिशा दे रही है।

हाल के वर्षों में लीमा प्रदर्शनी और मिलन अभ्यासों ने दोनों नौसेनाओं के बीच रिश्तों को मजबूत किया है। 2024 में हुए ‘समुद्र लक्ष्मण’ के तीसरे संस्करण ने समुद्री सुरक्षा और परस्पर सहयोग के क्षेत्र में दोनों देशों की प्रतिबद्धता को और पुख्ता किया।

आईएनएस सह्याद्रि की यह यात्रा सिर्फ एक नौसैन्य तैनाती नहीं, बल्कि भारत और मलेशिया के बीच गहराते रणनीतिक संबंधों और समुद्री सहयोग का जीवंत उदाहरण है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति, कूटनीतिक दृष्टिकोण और वैश्विक साझेदारी का सशक्त संदेश भी है।