प्रधानमंत्री की 'मन की बात' में 2025 की ओर कदम, महाकुंभ से लेकर बस्तर ओलंपिक तक की प्रेरक बातें

प्रधानमंत्री की 'मन की बात' में 2025 की ओर कदम, महाकुंभ से लेकर बस्तर ओलंपिक तक की प्रेरक बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "मन की बात" की 117वीं कड़ी में 29 दिसंबर, 2024 को अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात की। उन्होंने सबसे पहले 2025 के महत्व को रेखांकित किया, जब भारतीय संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे होंगे। इसके साथ ही उन्होंने "Constitution75.com" वेबसाइट के बारे में बताया, जहां लोग संविधान की प्रस्तावना पढ़कर वीडियो अपलोड कर सकते हैं और संविधान से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने आगामी महाकुंभ की तैयारियों का जिक्र किया, जो जनवरी में प्रयागराज में होने जा रहा है, और इस आयोजन को "एकता का महाकुंभ" बताया। उन्होंने कुंभ के दौरान डिजिटल सुविधाओं, जैसे AI चैटबोट और डिजिटल नेविगेशन सिस्टम, का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस महाकुंभ में भाग लें और एकता के संदेश को फैलाएं।

इसके बाद उन्होंने भारतीय फिल्मों और क्रिएटिव इंडस्ट्री की महत्ता को बताया और "World Audio Visual Entertainment Summit" के आयोजन की घोषणा की, जो भारत को वैश्विक कंटेंट हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति के वैश्विक विस्तार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि फिजी में तमिल भाषा सिखाने का कार्यक्रम और मिस्र में भारतीय कला से जुड़ी प्रतियोगिता।

उन्होंने बस्तर में आयोजित "बस्तर ओलंपिक" का जिक्र किया, जो विकास और खेल का संगम है और वहां के युवाओं की प्रेरणादायक कहानियों को साझा किया। इसके साथ ही मलेरिया और कैंसर के खिलाफ भारत की स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई उपलब्धियों का भी जिक्र किया।

अंत में, उन्होंने कालाहांडी में किसानों की "सब्जी क्रांति" की सफलता की कहानी सुनाई, जो सामूहिक प्रयास और संकल्प शक्ति से संभव हुई थी।

प्रधानमंत्री ने अपनी बातों को संक्षेप में इस संदेश के साथ समाप्त किया: "हमारे भारत की सफलता विविधता में एकता की कहानी है, जो हर क्षेत्र में अपनी चमक बिखेर रही है।"