सरयू नदी पर लिंक एक्सप्रेस-वे का अप्रोच मार्ग धंसा: उद्घाटन से पहले ही एक लेन बंद, यात्रियों की राह मुश्किल

लिंक एक्सप्रेस-वे: लखनऊ से गोरखपुर के सपने को झटका
गोरखपुर से लखनऊ की यात्रा को सुगम और तेज बनाने के लिए बनाया जा रहा लिंक एक्सप्रेस-वे अभी पूरी तरह से चालू भी नहीं हुआ है कि इसके एक हिस्से पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कम्हरियाघाट में सरयू नदी पर बने पुल के अप्रोच मार्ग की मिट्टी धंसने से एक लेन बंद करनी पड़ी है।
20-30 मीटर मिट्टी खिसकी, यातायात पर असर
पुल के अप्रोच मार्ग से करीब 20-30 मीटर तक मिट्टी खिसकने के कारण गोरखपुर से अंबेडकरनगर जाने वाली लेन पर आवागमन बंद कर दिया गया है। यह समस्या नदी के किनारे बेतरतीब खनन के कारण पैदा हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) और सेतु निगम को तुरंत मरम्मत कार्य के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, खनन पर रोक लगा दी गई है।
98% निर्माण पूरा, उद्घाटन की तैयारी अधर में
यूपीडा ने हाल ही में जानकारी दी थी कि 91.35 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे का 98% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और यह उद्घाटन के लिए तैयार है। लेकिन इस घटना के बाद प्रशासन को लोकार्पण की तैयारी रोकनी पड़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जल्द उद्घाटन की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब मरम्मत कार्य पूरा होने तक इसे स्थगित किया गया है।
लिंक एक्सप्रेस-वे: पूर्वांचल के लिए एक बड़ा तोहफा
करीब 7283.28 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा यह एक्सप्रेस-वे गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, और आजमगढ़ जिलों के लाखों लोगों को लाभान्वित करेगा। यह गोरखपुर-फोरलेन बाईपास (एनएच-27) को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ता है और लखनऊ तक की यात्रा को बेहद आसान और समय-संवेदनशील बनाता है।
यात्रियों की मुश्किलें: विपरीत लेन से सफर की मजबूरी
इस घटना के कारण गोरखपुर से बेलघाट और कम्हरियाघाट तक पहुंचने वाले यात्रियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेन बंद होने के कारण यात्री या तो विपरीत दिशा की लेन से गुजरने को मजबूर हैं या फिर सेतु निगम के पुराने पुल से अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं।
सरयू नदी की धारा और खनन बनी समस्या
विशेषज्ञों का मानना है कि सरयू नदी की दिशा बदलने और अप्रोच मार्ग के किनारे अनियंत्रित खनन के कारण मिट्टी खिसकने की समस्या उत्पन्न हुई है। इस क्षेत्र का लो लैंड एरिया (निचला क्षेत्र) होना भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है।
शासन ने दिए त्वरित मरम्मत के निर्देश
यूपीडा और सेतु निगम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। यूपीडा के पीपी वर्मा, एक्सईएन, ने बताया,
"सरयू नदी की दिशा बदलने के चलते यह समस्या आई है। सेतु निगम इस मामले में विशेषज्ञ है और जल्द ही अप्रोच मार्ग को सही कर लिया जाएगा। कांट्रेक्टर और संसाधनों की मदद से मरम्मत का कार्य तीव्रता से किया जा रहा है।"
यात्रा में बाधा, लेकिन उम्मीद बरकरार
यह घटना निश्चित रूप से यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनी है, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से जल्द ही इस समस्या के समाधान की उम्मीद है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल के विकास का प्रतीक है और इसके सफल संचालन से क्षेत्र को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जाएगा।
लिंक एक्सप्रेस-वे के अप्रोच मार्ग की यह समस्या एक चेतावनी है कि निर्माण कार्य में प्राकृतिक संतुलन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यह घटना न केवल इंजीनियरिंग की गहराई को परखने का मौका है, बल्कि प्रशासनिक सतर्कता का भी एक उदाहरण है।