भूसा मशीनों से फसलों पर मंडराया खतरा, किसानों में आक्रोश – प्रशासन ने दिए कार्रवाई के आदेश

✍️ संवाददाता: बांसगांव, गोरखपुर
कछार क्षेत्र में गेहूं की कटाई जोरों पर है, लेकिन इसी बीच भूसा मशीनों के चलने से किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गौरसैरा और भुसवल के बीच चल रही इन मशीनों से फसलों को आग लगने का खतरा बढ़ गया है, जिससे इलाके के किसान चिंतित हैं।
किसानों की चिंता – बीते हादसे की पुनरावृत्ति का डर
भुसवल के किसान संत कुमार सिंह, दीपक सिंह, मनीष सिंह, समाजसेवी अमरजीत सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष अजय सिंह और अनूपशही सहित अन्य किसानों ने बताया कि दो साल पहले इसी तरह की भूसा मशीनों ने हजारों एकड़ फसल को जलाकर खाक कर दिया था। उस भयावह घटना के बाद कई किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए थे और एक दाना भी गेहूं नसीब नहीं हुआ था।
किसानों की प्रशासन से गुहार
डरे और गुस्साए किसानों ने उपजिलाधिकारी से भूसा मशीनों पर प्रतिबंध लगाने और बल्बानियों (मशीन संचालकों) पर कार्रवाई करने की मांग की। किसानों ने स्पष्ट किया कि अगर समय रहते प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता, तो एक बार फिर फसलें आग की चपेट में आ सकती हैं।
प्रशासन ने दिया सख्त कार्रवाई का आश्वासन
किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि अगर भूसा मशीनों से किसानों की फसल को खतरा है, तो उनके संचालन पर रोक लगाई जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फसल की सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी
किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाता तो आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। ग्रामीणों ने भूसा मशीन संचालकों को वैकल्पिक और सुरक्षित तरीके अपनाने की सलाह दी ताकि क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
"भूसा मशीनों पर सख्त लगाम नहीं लगी, तो फिर जल उठेंगी किसानों की उम्मीदें!"