महिला सशक्तिकरण की नई लहर: भारत और यूएन-वुमेन का ऐतिहासिक गोलमेज सम्मेलन

महिला सशक्तिकरण की नई लहर: भारत और यूएन-वुमेन का ऐतिहासिक गोलमेज सम्मेलन
  • महिला-नेतृत्वित विकास की दिशा में वैश्विक पहल का शुभारंभ!

न्यूयॉर्क: भारत और संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन-वुमेन) ने मिलकर 69वें महिला स्थिति आयोग (CSW) सत्र के दौरान न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व पर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। यह आयोजन 'महिला-नेतृत्वित विकास' को गति देने के लिए डिजिटल और वित्तीय समावेशन की महत्ता को उजागर करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल सिद्ध हुआ।

???? केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का उद्घोष: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में बताया कि भारत सरकार ने 'नारी शक्ति' की असीम शक्ति को पहचाना है और महिला-नेतृत्वित विकास को आगे बढ़ाने में प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) एक सेतु होना चाहिए, न कि एक बाधा। हमें प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है।"

???? भारत की प्रभावशाली पहल: मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने उल्लेख किया कि भारत ने DPI के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा उपाय स्थापित किए हैं, जिनमें:

  • लगभग 38 मिलियन माताओं को मातृत्व लाभ प्रदान करना।
  • पोषण ट्रैकर के माध्यम से 100 मिलियन से अधिक महिलाओं, बच्चों और किशोरियों की पोषण और स्वास्थ्य आवश्यकताओं की वास्तविक समय पर निगरानी।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के तहत महिलाओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देना।

???? यूएन-वुमेन की कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस का संदेश: सुश्री सिमा बहौस ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि कैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के माध्यम से डिजिटल वित्तीय समावेशन की शक्ति ने महिलाओं के रोजगार और स्वायत्तता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल भुगतान ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।

???? महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की पहल: सम्मेलन के दूसरे सत्र में, वित्तीय समावेशन और मुख्य संसाधनों की महत्ता पर चर्चा करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने स्ट्रीट वेंडरों से लेकर कृषि-उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स तक, महिलाओं को प्रारंभिक स्तर से लेकर उनके व्यवसायों को बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए वित्तीय नीतियों और योजनाओं का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया है।

???? वैश्विक स्तर पर अनुभव साझा करने का मंच: इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसे G20 देशों और पनामा जैसे छोटे द्वीपीय विकासशील देशों के मंत्री और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने अपने अनुभव साझा किए और प्रौद्योगिकी के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया।

???? आगे की राह: इस सम्मेलन ने बीजिंग प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन के बारह महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लागू करने के लिए नई रणनीतियों और योजनाओं का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया। यह पहल न केवल महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वायत्तता को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर लैंगिक असमानता को भी कम करने में सहायक होगी।

✨ यह ऐतिहासिक आयोजन एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि जब महिला सशक्तिकरण की बात आती है, तो भारत न केवल एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है बल्कि समावेशी और स्थायी विकास की दिशा में संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता भी रखता है।