190 करोड़ की अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का भंडाफोड़: आज़मगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 11 अभियुक्त गिरफ्तार
- 169 बैंक खाते फ्रीज, 35 लाख की संपत्ति बरामद; विदेशी नेटवर्क से जुड़े तार, सोशल मीडिया के जरिए करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश
आज़मगढ़ पुलिस ने साइबर अपराध के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 190 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनके कब्जे से 169 बैंक खातों में जमा 2 करोड़ रुपये फ्रीज, 35 लाख रुपये की संपत्ति, और 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए।
ऑनलाइन जुए और सोशल मीडिया का चक्रव्यूह
गिरफ्तार अभियुक्त REDDY ANNA, LOTUS, और MAHADEV जैसे सरकार द्वारा प्रतिबंधित ऑनलाइन बेटिंग एप्स के जरिए ठगी करते थे। ये गिरोह इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और मेटा जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लुभावने विज्ञापन डालकर लोगों को फंसाता था। लोगों को इन प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्ट्रेशन के लिए झांसा दिया जाता था कि उनका पैसा दोगुना या तिगुना हो जाएगा। जब लोग लॉगिन आईडी बनाकर बेटिंग शुरू करते, तो उनके खाते से पैसा फर्जी बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के जरिए गायब कर दिया जाता। बाद में, उनकी आईडी ब्लॉक कर दी जाती थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े नेटवर्क
इस संगठित गिरोह का जाल सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसके सदस्य श्रीलंका और यूएई जैसे देशों में भी सक्रिय थे। व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ये लोग ठगी के पैसे का लेनदेन करते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश के 6, बिहार के 2, उड़ीसा के 2 और मध्य प्रदेश का 1 व्यक्ति शामिल है। इस गिरोह के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में 71 साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं।
अभियान की सफलता की कहानी
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन में साइबर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण बनाने के लिए चलाए गए इस विशेष अभियान के तहत कार्रवाई की गई। 25 नवंबर 2024 को, आज़मगढ़ साइबर क्राइम थाने की टीम ने मुखबिर की सूचना पर स्मार्ट मॉल के पास एक घर पर छापा मारा और 11 अभियुक्तों को धर दबोचा।
बरामदगी और गिरोह का संचालन
गिरोह के कब्जे से 3.40 लाख नकद, 51 मोबाइल फोन, 56 बैंक पासबुक, 19 सिम कार्ड, और अन्य सामान बरामद हुए। इनके ठगी के तरीकों में सोशल मीडिया के जरिए लोगों को झूठे सपने दिखाना और उनका भरोसा जीतकर उनके पैसे ट्रांसफर करना शामिल था।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
गिरफ्तार अभियुक्तों में आज़मगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, उड़ीसा, बिहार और मध्य प्रदेश के निवासी शामिल हैं। इनके सहयोगी देशभर में फैले थे, जो ठगी की रकम को अलग-अलग फर्जी खातों में बांटते थे।
समाज के लिए चेतावनी
इस घटना ने दिखाया कि कैसे सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर मासूम लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे झूठे प्रलोभनों से बचें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें।
वांछित अपराधियों की तलाश जारी
पुलिस ने गिरोह के दो फरार सदस्यों—विनय यादव और सौरभ—की तलाश तेज कर दी है।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस ऑपरेशन को सफल बनाने में अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र लाल, सहायक पुलिस अधीक्षक अनंत चंद्रशेखर, और क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा समेत पूरी टीम की भूमिका सराहनीय रही।
आज़मगढ़ पुलिस की यह कार्रवाई न केवल साइबर अपराधियों को एक कड़ा संदेश है, बल्कि आम नागरिकों को भी सतर्क रहने की सीख देती है। यह ऑपरेशन साइबर अपराध पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम है।