भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने निकले थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी को और अधिक सशक्त बनाने के मिशन पर, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी 24 से 27 फरवरी 2025 तक फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए हैं। यह यात्रा सैन्य सहयोग, रक्षा प्रौद्योगिकी और संयुक्त अभियानों के क्षेत्र में नए द्वार खोलने के उद्देश्य से की जा रही है।
???????? पेरिस में होगी गरिमामयी शुरुआत
24 फरवरी को पेरिस के लेस इनवैलिड्स में फ्रांस के शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात होगी। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा, जिसके बाद वे फ्रांसीसी सेना प्रमुख जनरल पियरे शिल से वार्ता करेंगे। यह बैठक दोनों देशों के सैन्य संबंधों को नई दिशा देने का कार्य करेगी।
इसके साथ ही, वे इकोले मिलिटेयर नामक प्रतिष्ठित मिलिट्री स्कूल का दौरा करेंगे, जहां उन्हें फ्रांस की अत्याधुनिक फ्यूचर कॉम्बैट कमांड (CCF) के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, वे वर्सेल्स में बैटल लैब टेरे और फ्रांसीसी सेना के तकनीकी अनुभाग (STAT) का भी दौरा करेंगे, जहां आधुनिक रक्षा तकनीकों पर गहन चर्चा होगी।
???? मार्सिले में सैन्य ताकत और संयुक्त अभ्यास पर जोर
25 फरवरी को जनरल द्विवेदी फ्रांस के मार्सिले शहर जाएंगे, जहां वे फ्रांसीसी सेना की तीसरी डिवीजन के साथ विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे। इस दौरान भारत-फ्रांस के बीच होने वाले महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति', रक्षा प्रशिक्षण सहयोग और फ्रांस के आधुनिक सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम ‘स्कॉर्पियन’ की बारीकियों पर चर्चा होगी।
कार्पियाग्ने में लाइव फायरिंग प्रदर्शन
26 फरवरी को थल सेनाध्यक्ष कार्पियाग्ने में आयोजित लाइव फायरिंग अभ्यास और स्कॉर्पियन डिवीजन के गतिशील प्रदर्शन का अवलोकन करेंगे। यह अनुभव भारत की सैन्य तैयारियों और रणनीतिक योजनाओं को और अधिक सशक्त बनाने में सहायक होगा।
27 फरवरी को जनरल द्विवेदी न्यूवे चैपल भारतीय युद्ध स्मारक पहुंचेंगे, जहां वे प्रथम विश्व युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके पश्चात, वे फ्रांसीसी संयुक्त स्टाफ कॉलेज, इकोले डे गुएरे में एक प्रेरणादायक व्याख्यान देंगे, जिसमें आधुनिक युद्ध प्रणाली और भारत की रणनीतिक दृष्टि पर प्रकाश डाला जाएगा।
????????-???????? भारत-फ्रांस सैन्य साझेदारी का नया अध्याय
यह उच्च-स्तरीय यात्रा न केवल भारत और फ्रांस के सैन्य सहयोग को मजबूत करेगी, बल्कि नई रक्षा संभावनाओं के द्वार भी खोलेगी। जनरल द्विवेदी की इस यात्रा से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच रणनीतिक साझेदारी को एक नई गति मिलेगी, जिससे भविष्य की रक्षा चुनौतियों से निपटने की तैयारी और अधिक सुदृढ़ होगी।
"सशक्त भारत, सशक्त रक्षा – नई ऊंचाइयों की ओर!"