पूर्वोत्तर के उज्ज्वल भविष्य की नई राह: नागालैंड के मुख्यमंत्री ने की डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट, विज्ञान-प्रौद्योगिकी संग सुशासन पर हुआ मंथन!

नई दिल्ली, 6 मई — पूर्वोत्तर भारत के विकास को एक नई दिशा देने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, नागालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफ्यू रियो ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से शिष्टाचार भेंट की। यह बैठक केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सुशासन और प्रशासनिक सुधारों को लेकर एक प्रेरणादायक संवाद का माध्यम बनी।
मुख्यमंत्री के साथ नागालैंड के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री वाई. पैटन तथा बागवानी एवं मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती साल्होतुओनुओ क्रूस भी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में विकास को रफ्तार देने के लिए केंद्र और राज्य के बीच सहयोग को और सशक्त बनाना था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र को विकास की धुरी मानते हुए विज्ञान और तकनीक आधारित परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।”
बैठक में नागालैंड में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने, इनोवेशन हब्स, इनक्यूबेशन सेंटर्स, डीएसटी और डीबीटी के कार्यक्रमों से युवाओं में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और शोध आधारित विकास को मजबूती देने जैसे अनेक पहलुओं पर चर्चा हुई।
इसके अलावा, अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग की योजनाओं को राज्य की भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग में लाने की रणनीति भी बनी — विशेषकर आपदा प्रबंधन, कृषि सुधार और भू-स्थानिक तकनीक के ज़रिए योजना निर्माण को लेकर।
प्रशासनिक सुधार, डिजिटल गवर्नेंस और सिविल सेवा क्षमता निर्माण को लेकर डॉ. सिंह ने बताया कि डीओपीटी द्वारा पूर्वोत्तर के अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और डिजिटल अपस्किलिंग योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे शासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सके।
मुख्यमंत्री श्री रियो ने भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर पर दिए जा रहे विशेष ध्यान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नागालैंड राष्ट्रीय विकास मिशनों में सक्रिय भागीदारी को तैयार है। उन्होंने कौशल विकास, युवा उद्यमिता और जन शिकायत निवारण प्रणाली के विस्तार में केंद्र से और अधिक सहयोग की मांग रखी।
अंततः, दोनों नेताओं ने इस बात पर एकमत सहमति व्यक्त की कि केंद्र और राज्य के बीच मजबूत समन्वय ही नागालैंड व पूर्वोत्तर की प्रगति का आधार बन सकता है — जहां विज्ञान, तकनीक और सुशासन मिलकर समावेशी विकास की कहानी लिखेंगे।