ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सशस्त्र बलों की सटीक कार्रवाई से दहले आतंकी ठिकाने

नई दिल्ली | राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति "ज़ीरो टॉलरेंस" की है—और इस बार इसका प्रमाण बना है ऑपरेशन सिंदूर।
भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर एक केंद्रित, सटीक और संयमित सैन्य अभियान चलाया। इस कार्रवाई में कुल 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया—वे स्थान, जहां से भारत विरोधी हमलों की साजिशें रची और संचालित की जा रही थीं।
कार्रवाई के प्रमुख बिंदु:
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यह ऑपरेशन पूरी तरह बिना किसी उकसावे के जवाबी कार्रवाई के तहत संचालित किया गया।
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पाकिस्तानी सेना के किसी भी ठिकाने को नुकसान नहीं पहुँचाया गया, जिससे यह स्पष्ट है कि भारत का लक्ष्य केवल आतंकवाद और उसके संरक्षकों को खत्म करना था, न कि राज्य की संप्रभुता को ललकारना।
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यह ऑपरेशन उस कायराना हमले के जवाब में किया गया, जिसमें पहलगाम में 25 भारतीय तीर्थयात्रियों और नेपाल के एक नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
भारतीय सेना ने अपने संदेश में यह साफ कर दिया है कि इस देश की सहनशक्ति की सीमा नहीं है, और हर उस हाथ को काट दिया जाएगा जो निर्दोषों का लहू बहाने की साजिश करेगा।
इस हमले में प्रयुक्त रणनीति और सटीकता ने न केवल आतंकियों के ढांचों को ध्वस्त किया, बल्कि उनके पीछे खड़े प्रशिक्षकों, योजनाकारों और प्रायोजकों को भी स्पष्ट चेतावनी दी है—भारत अब मौन नहीं रहेगा, भारत प्रतिउत्तर देगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि यह कार्रवाई भारत की एक नई सक्रिय सुरक्षा नीति की मिसाल है, जो रणनीतिक धैर्य और निर्णायक प्रतिकार के संतुलन पर आधारित है।
अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें पाकिस्तान पर हैं, जिसे बार-बार अपनी धरती से आतंकी गतिविधियों के संचालन पर चेताया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ एक सैन्य अभियान था, बल्कि एक राष्ट्र की ओर से अपने नागरिकों की सुरक्षा, गरिमा और न्याय की पुकार का जवाब भी।