हिंदी को समर्पित उत्सव: सीएसआईआर-एसईआरसी एवं सीएमसी में हिंदी पक्ष समारोह 2025 का भव्य आयोजन

हिंदी को समर्पित उत्सव: सीएसआईआर-एसईआरसी एवं सीएमसी में हिंदी पक्ष समारोह 2025 का भव्य आयोजन

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के संरचनात्मक अभियांत्रिकी अनुसंधान केंद्र (एसईआरसी) और सीएसआईआर मद्रास कॉम्प्लेक्स (सीएमसी) में 26 अगस्त से 16 सितम्बर 2025 तक हिंदी पक्ष समारोह का आयोजन उत्साह, गरिमा और रचनात्मकता के साथ किया गया। यह आयोजन न केवल हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए था, बल्कि संस्थान के वैज्ञानिकों और प्रशासनिक अधिकारियों को भाषा के प्रति संवेदनशील बनाने और हिंदी को कार्यसंस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाने का भी एक सशक्त प्रयास था।

दीप प्रज्वलन से आरंभ हुई यात्रा

26 अगस्त को टीडीसी भवन, सीएसआईआर-एसईआरसी में दीप प्रज्वलन एवं वंदना के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन अवसर पर हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय था – “भारत में समुद्री नवीकरणीय ऊर्जा का विकास एवं गतिविधियाँ”। इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), चेन्नै के वैज्ञानिक-ई श्री बीरेन पटनायक रहे। उन्होंने यह साबित किया कि विज्ञान और हिंदी भाषा एक-दूसरे के पूरक हैं और सरल हिंदी के माध्यम से जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को सहजता से समझाया जा सकता है।

इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) एन. आनंदवल्ली ने स्वागत भाषण दिया, डॉ. संतोष कुमार डी. भट ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया और डॉ. अमर प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

प्रतियोगिताओं में झलकी भाषा की विविधता

पूरे पखवाड़े के दौरान हिंदी भाषा को केंद्र में रखते हुए अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। हिंदी टंकण, श्रुतलेख, चित्र वर्णन, प्रश्नोत्तरी, अंत्याक्षरी, तकनीकी संगोष्ठी, कवि सम्मेलन और हिंदी वार्तालाप जैसी गतिविधियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर यह संदेश दिया कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक चेतना है।

समापन समारोह: सम्मान और प्रेरणा का संगम

16 सितम्बर को विज्ञान सभागार, सीएसआईआर परिसर, तरमणि, चेन्नै में समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह का संचालन अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार डी. भट ने किया। मुख्य अतिथि डॉ. राजेश कत्याल, महानिदेशक, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (नीवे), चेन्नै ने अपने संबोधन में कहा – “हिंदी केवल राजभाषा ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक अभिव्यक्ति की भी एक सक्षम और प्रभावी भाषा है। हमें इसे प्रयोग में लाकर इसकी शक्ति का विस्तार करना होगा।”

इस अवसर पर निदेशक, सीएसआईआर-एसईआरसी एवं समन्वय निदेशक, सीएमसी डॉ. (श्रीमती) एन. आनंदवल्ली ने संस्थान में हिंदी के बढ़ते प्रयोग की सराहना की और इसे वैज्ञानिक संवाद का सशक्त माध्यम बताया।

हिंदी कार्यान्वयन की वार्षिक रिपोर्ट श्री श्यामल कुमार गोंड द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसमें उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का उल्लेख किया गया। पुरस्कार वितरण श्री शैलेश कुमार एवं श्री लोकनाथ पटनायक द्वारा किया गया। अंत में डॉ. (श्रीमती) आशा जी नायर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर समारोह का समापन किया।

हिंदी: विज्ञान और संस्कृति का सेतु

हिंदी पक्ष समारोह 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया कि सीएसआईआर-एसईआरसी और सीएमसी केवल विज्ञान और अनुसंधान में ही अग्रणी नहीं हैं, बल्कि भाषा और संस्कृति के संवर्धन में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह आयोजन इस बात का प्रतीक रहा कि हिंदी वैज्ञानिक अभिव्यक्ति, प्रशासनिक संवाद और सांस्कृतिक समरसता का सेतु बन सकती है।