राज्यों में क्षमता निर्माण के ‘पथप्रदर्शक’ बनेंगे एटीआई: सीबीसी अध्यक्ष सुश्री एस. राधा चौहान

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025।
क्षमता निर्माण आयोग (CBC) की अध्यक्ष सुश्री एस. राधा चौहान ने कहा कि राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (ATI) अब राज्यों में क्षमता निर्माण की रीढ़ साबित होंगे। उन्होंने इन्हें “महत्वपूर्ण स्तंभ और उत्प्रेरक” बताते हुए कहा कि एटीआई को न केवल प्रशिक्षण बल्कि राज्य सरकारों के लिए क्षमता निर्माण योजनाओं (CBP) के निर्माण और क्रियान्वयन में मार्गदर्शक की भूमिका निभानी होगी।
यह संबोधन उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) और कर्मयोगी भारत के सहयोग से सीबीसी द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला “राज्य-स्तरीय क्षमता निर्माण योजनाएं विकसित करना” के समापन पर दिया।
कार्यशाला के प्रमुख बिंदु
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कार्यशाला का उद्घाटन कल केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था, जिन्होंने “भविष्य के लिए तैयार, नागरिक-केंद्रित सिविल सेवा” के निर्माण पर बल दिया।
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एटीआई टीमों ने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और शहरी विकास—इन 6 क्षेत्रों पर मसौदा CBP तैयार किए।
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प्रस्तुतियों के जरिए राज्यों ने अपनी रणनीतियों, दृष्टिकोण और अगले कदमों को साझा किया।
मुख्य विचार-विमर्श
सुश्री एस. राधा चौहान ने कहा कि एटीआई को “नॉलेज सेंटर और मेंटोर” बनना चाहिए।
उन्होंने ज़ोर दिया कि अब “नियम-आधारित ढांचे से भूमिका-आधारित शिक्षा” की ओर बढ़ना होगा, यानी केवल पदनाम नहीं, बल्कि अधिकारियों की वास्तविक भूमिकाओं के लिए जरूरी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
श्री श्रीराम तरणिकांत, निदेशक LBSNAA, ने कहा कि कार्यशाला में बने मसौदे को जल्द ही ठोस राज्य-स्तरीय CBP में बदला जाना चाहिए।
श्रीमती छवि भारद्वाज, सीईओ (कर्मयोगी भारत), ने प्रशिक्षण कैलेंडर के एकीकरण और क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार करने पर बल दिया, ताकि योजनाएं अधिक प्रासंगिक और प्रभावशाली बन सकें।
भागीदारी
इस कार्यशाला में 17 राज्यों के एटीआई प्रमुख और वरिष्ठ संकाय सदस्य शामिल हुए। प्रतिभागियों को मिशन कर्मयोगी, कर्मयोगी दक्षता मॉडल और CBP निर्माण के उपकरणों व टेम्पलेट्स से परिचित कराया गया।
आगे का रास्ता
यह कार्यशाला राज्यों के स्तर पर क्षमता निर्माण की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर मानी जा रही है। एटीआई अब विभागों के लिए CBP का नेतृत्व करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हर अधिकारी को ऐसा प्रशिक्षण मिले, जो उसे नागरिकों की बेहतर सेवा करने के लिए सशक्त बनाए।