भूकंप का कहर: म्यांमार-थाईलैंड में तबाही, 7.7 तीव्रता के झटकों से कांपी धरती!

बैंकॉक में इमरजेंसी, 43 लोग लापता, इमारतें धराशायी – चीन-ताइवान तक महसूस हुए झटके
दक्षिण एशिया में शुक्रवार को प्रकृति ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई जब म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने तबाही मचा दी। इस विनाशकारी झटके से कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं, और 43 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। भूकंप का प्रभाव चीन और ताइवान तक महसूस किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
एवा ब्रिज ढहा, बैंकॉक में इमरजेंसी घोषित!
भूकंप का केंद्र म्यांमार के सगाइंग (Sagaing) क्षेत्र में स्थित था। झटकों के कारण मांडलेय में बहने वाली इरावडी नदी पर स्थित ऐतिहासिक 'एवा ब्रिज' (Ava Bridge) धराशायी हो गया। वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में सरकार ने आपातकाल (इमरजेंसी) घोषित कर दी, क्योंकि शहर में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और अफरा-तफरी मच गई।
धरती के इस तांडव से क्यों हुई इतनी तबाही?
विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप टेक्टोनिक प्लेट्स में अचानक हुए खिसकाव की वजह से आया। 15 किमी गहराई वाले इस झटके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि दूर-दराज के इलाकों तक प्रभाव देखा गया।
बचाव कार्य जारी, लेकिन खतरा अभी टला नहीं!
सरकारी एजेंसियां और आपदा प्रबंधन टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। कई लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। राहतकर्मी लगातार मलबा हटाने और घायलों को सुरक्षित निकालने में लगे हुए हैं।
आफ्टरशॉक्स का डर, लोगों में दहशत
भूकंप के बाद भी हल्के झटके (आफ्टरशॉक्स) महसूस किए जा रहे हैं, जिससे लोग डर के साए में जी रहे हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे बेहद अहम हो सकते हैं, और दोबारा तेज झटके आने की संभावना बनी हुई है।
- सरकार की अपील: लोग घबराएं नहीं, सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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➡ क्या प्रकृति हमें कोई संकेत दे रही है? इस भूकंप के बाद दक्षिण एशिया में आपदा प्रबंधन पर नए सिरे से सोचने की जरूरत है!