साइबर ठगी से मिली राहत: रौनापार पुलिस की तत्परता से पीड़ित को लौटे 15,000 रुपये!

— थाना रौनापार की साइबर टीम ने दिखाई सतर्कता, कोटक महिंद्रा बैंक में होल्ड कराकर दिलाया पैसा वापस
आजमगढ़, रौनापार।
थाना रौनापार अंतर्गत ग्राम गांगेपुर मठिया निवासी श्री तुफानी पुत्र स्व. सकलदेव एक साइबर ठगी का शिकार हो गए थे, लेकिन थाना रौनापार की सतर्कता और तेज़ कार्यशैली ने पीड़ित को बड़ी राहत दी। महज़ कुछ ही दिनों में साइबर फ्रॉड से गए 15,000 रुपये वापस कराकर पुलिस ने एक सराहनीय मिसाल पेश की है।
क्या था मामला?
दिनांक 05 नवम्बर 2024 को तुफानी को एक फोन कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें कॉलर ने खुद को उनके मालिक का परिचित बताते हुए कहा कि उनका बेटा अस्पताल में भर्ती है और तत्काल 15,000 रुपये की ज़रूरत है।
भावुकता में आकर तुफानी ने बताए गए बैंक खाते में पैसा भेज दिया, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि यह एक साइबर ठगी का मामला है।
तत्परता से की गई शिकायत
घटना के अगले दिन, 06 नवम्बर 2024 को तुफानी ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत संख्या 33111240140066 दर्ज कराई। इस शिकायत पर तुरंत हरकत में आई थाना रौनापार की साइबर टीम और कॉन्स्टेबल रत्नेश सिंह ने कोटक महिंद्रा बैंक में खाते को ट्रेस कर संबंधित खाते में भेजी गई राशि को तुरंत होल्ड करा दिया।
न्यायालय से मिला आदेश, दिलाया गया पैसा
होल्ड की गई राशि को वापस पाने हेतु कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए माननीय न्यायालय से आदेश प्राप्त किया गया। आदेश मिलते ही कोटक महिंद्रा बैंक से समन्वय स्थापित कर पीड़ित तुफानी के खाते में पूरे 15,000 रुपये सकुशल वापस करा दिए गए।
जनता को संदेश:
थाना रौनापार पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से स्पष्ट है कि यदि समय रहते साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दी जाए, तो ठगी से गई धनराशि को वापस पाना संभव है।
यह घटना समाज को यह भी संदेश देती है कि सजगता और त्वरित कार्यवाही ही साइबर अपराध का सबसे बड़ा समाधान है।
- साइबर अपराध से सतर्क रहें, जागरूक बनें और किसी भी अनजान कॉल पर पैसे न भेजें।
- ठगी की स्थिति में तत्काल 1930 या नजदीकी थाना में संपर्क करें।
- थाना रौनापार की यह कार्यवाही जनता के बीच पुलिस के प्रति विश्वास को और अधिक मजबूत करती है।
- जनहित में साझा करें — क्योंकि सतर्क नागरिक ही सुरक्षित समाज की नींव हैं!