भारत के वैज्ञानिक भविष्य का नेतृत्व अब महिलाओं के हाथों में: डॉ. जितेंद्र सिंह

अंतरिक्ष से अनुसंधान तक, भारतीय महिला वैज्ञानिकों की अभूतपूर्व सफलता का उत्सव
नई दिल्ली। “भारत का वैज्ञानिक नेतृत्व अब महिलाओं के नेतृत्व वाला हो गया है,” केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गर्व के साथ यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि भारत के आदित्य-एल1 मिशन, चंद्रयान-3, और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की कमान अब महिलाओं के हाथ में है।
सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (CSIR-NPL) में आयोजित इस विशेष समारोह में देश की अग्रणी महिला वैज्ञानिकों का सम्मान किया गया। आदित्य-एल1 मिशन की परियोजना निदेशक निगार शाजी, चंद्रयान-3 की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना कलाहस्ती, और CSIR की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी जैसी प्रतिष्ठित महिलाओं ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भारत में विज्ञान और अनुसंधान की दिशा बदल रही है
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि "हम महिलाओं की भागीदारी के युग से आगे बढ़कर महिलाओं के नेतृत्व वाले युग में प्रवेश कर चुके हैं।" उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पहले वैज्ञानिक क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व था, लेकिन अब प्रतिभाशाली महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं और नए मानक स्थापित कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि CSIR की छह प्रमुख प्रयोगशालाओं का नेतृत्व महिला वैज्ञानिकों के हाथों में है, और गगनयान मिशन में ‘व्योममित्र’ नामक रोबोटिक अंतरिक्ष यात्री भी महिला स्वरूप में होगा—जो अंतरिक्ष में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
महिला वैज्ञानिकों का ऐतिहासिक योगदान और नवाचार
इस कार्यक्रम के दौरान “CSIR शक्ति: सेलिब्रेटिंग वूमेन इन साइंस” शीर्षक से एक विशेष वीडियो जारी किया गया, जिसमें भारतीय अनुसंधान और नवाचार में महिला वैज्ञानिकों के योगदान को उजागर किया गया। साथ ही, सीएसआईआर द्वारा समर्थित महिला उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें शामिल हैं:
- डॉ. दिशा आहूजा (AGRI तकनीक द्वारा अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन)
- श्रीमती सुधा रेड्डी (E-ट्रैक्टर इनोवेशन)
- श्रीमती शिखा विरमानी (लैवेंडर उत्पादों का व्यवसायीकरण)
इस कार्यक्रम में CSIR द्वारा महिलाओं की उपलब्धियों को संकलित करने वाले “CSIR Aspire Women Scientist Awardees” नामक एक विशेष संग्रह का विमोचन भी किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़ रहा महिला सशक्तीकरण
डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, रक्षा और प्रशासन में समान अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि:
- गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
- सैनिक स्कूलों और सैन्य अकादमियों में महिला कैडेटों का प्रवेश
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा अपना सोशल मीडिया हैंडल महिला अचीवर्स को सौंपना
ये सभी पहल भारत में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।
भारत का वैज्ञानिक भविष्य: महिलाओं के नेतृत्व में एक नया युग
इस समारोह के समापन पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "अब केवल महिलाओं को STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में भागीदारी के लिए प्रेरित करना पर्याप्त नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि वे नेतृत्व करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनें।"
निष्कर्ष
CSIR-NPL में आयोजित यह भव्य समारोह भारत के बदलते वैज्ञानिक परिदृश्य का एक शानदार उदाहरण बना, जहां महिलाओं ने अनुसंधान और नवाचार की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी। अंतरिक्ष, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और प्रशासन में बढ़ती महिला भागीदारी भारत के एक उज्जवल, समावेशी और प्रगतिशील भविष्य की ओर संकेत कर रही है।
अब भारत केवल ‘STEM में महिलाओं की भागीदारी’ की बात नहीं कर रहा, बल्कि ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले STEM’ की नई गाथा लिख रहा है! ????????????????