सरपंच की आड़ में पति का खेल: 75 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों ACB ने पकड़ा, पंचायत कार्यालय में मचा हड़कंप

सरपंच की आड़ में पति का खेल: 75 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों ACB ने पकड़ा, पंचायत कार्यालय में मचा हड़कंप
  • आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, मनोज कुमार

जामनगर, कालावड़ (गुजरात):
गुजरात के जामनगर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। बेराजा ग्राम पंचायत की महिला सरपंच के पति को 75,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार्रवाई न सिर्फ पूरे पंचायत क्षेत्र बल्कि आस-पास के गांवों में भी चर्चा का बड़ा विषय बन गई है।


रिश्वत की कहानी – खदान पट्टे से शुरू हुआ खेल

जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता बेराजा गांव में खदान का संचालन करता है। खनन कार्य में किसी भी परेशानी से बचने और पंचायत से आवश्यक अनुमति व सहयोग पाने के लिए उसने सरपंच के पति से संपर्क किया।
यहां से खुला भ्रष्टाचार का जाल—महिला सरपंच के पति दिनेश जेपर ने पट्टाधारक से ₹75,000 की रिश्वत की मांग कर डाली।

दिनेश ने यह रकम अपने करीबी साथी हमीर देवराज सोलंकी के हाथों दिलवाने का षड्यंत्र रचा। शिकायत मिलने पर ACB ने तत्काल योजना बनाई और जाल बिछाया।


⚡ जाल में फंसे भ्रष्टाचार के खिलाड़ी

योजना के तहत जैसे ही हमीरभाई सोलंकी ने 10,000 रुपये की पहली किस्त स्वीकार की, ACB की टीम मौके पर पहुंच गई। इसके बाद दोनों के पास से पूरे ₹75,000 नकद बरामद किए गए और उन्हें वहीं रंगे हाथों दबोच लिया गया।  ACB अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और पूछताछ जारी है।


पंचायत में गूंजा मामला – जनता में आक्रोश

गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई। लोग हैरान हैं कि जनता की सेवा करने की जिम्मेदारी वाले सरपंच परिवार पर ही भ्रष्टाचार का दाग लगा है। पंचायत कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है और लोग खुलेआम कह रहे हैं कि “जनता के विश्वास से खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।”


यह मामला सिर्फ एक रिश्वतखोरी का नहीं, बल्कि गांव की राजनीति और जनता के विश्वास से खिलवाड़ की जीती-जागती मिसाल है। एसीबी की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार कितना भी छिपा हो, कानून के शिकंजे से बचना मुश्किल है।


 यह खबर केवल एक पंचायत की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए संदेश है—भ्रष्टाचार की जड़ें वहीं सूखेंगी, जहां जनता आवाज उठाएगी और कानून अपना डंडा चलाएगा।