वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और व्यय विवरणी न देने वाले दलों पर निर्वाचन आयोग सख्त

वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और व्यय विवरणी न देने वाले दलों पर निर्वाचन आयोग सख्त
  •    आर.वी.न्यूज़ संवाददाता, मनोज कुमार

  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 127 पंजीकृत दलों को भेजा नोटिस, सुनवाई शुरू – 16 दलों ने रखा पक्ष

उत्तर प्रदेश में पंजीकृत राजनीतिक दलों के लिए अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं बची है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने सोमवार को उन राजनीतिक दलों की सुनवाई शुरू की, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों से अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और निर्वाचन व्यय विवरणी आयोग को समय पर प्रस्तुत नहीं की थी।

प्रदेश में पते पर पंजीकृत कुल 127 राजनीतिक दलों को इस आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इनमें से 30 दलों को 06 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया गया, लेकिन केवल 16 दलों के प्रतिनिधि ही उपस्थित हुए।


अनिवार्य रिपोर्ट न देने पर जवाब तलब

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनावों में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक दल को नियमों के तहत

  • 30 सितंबर तक अपनी अंशदान रिपोर्ट

  • 31 अक्टूबर तक वार्षिक आय-व्यय का ऑडिट रिपोर्ट
    प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

इसी प्रकार, लोकसभा चुनाव के 90 दिन और विधानसभा चुनाव के 75 दिन के भीतर प्रत्येक दल को अपने निर्वाचन व्यय का पूरा ब्योरा जमा करना होता है। इसके अलावा ₹20,000 से अधिक के चंदे का विवरण भी देना जरूरी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने साफ कहा कि नियमों का पालन न करने वाले दलों पर कड़ी कार्रवाई तय है।


16 दलों ने दी रिपोर्ट, कई अनुपस्थित

सोमवार की सुनवाई में जिन दलों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए, उनमें शामिल हैं—
आदर्श समाज पार्टी (आगरा), भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी (बलिया), आम जनता पार्टी (बस्ती), अपना दल बलिहारी पार्टी (बस्ती), आम जनता पार्टी (इंडिया) (गोंडा), आधुनिक भारत पार्टी (कानपुर नगर), बहुजन पार्टी (कानपुर नगर), एक्शन पार्टी (खीरी), अपना दल यूनाइटेड पार्टी (कुशीनगर), अभय समाज पार्टी (महराजगंज), भारतीय हरित पार्टी (मुजफ्फरनगर), अम्बेडकर युग पार्टी (प्रयागराज), बहुजन आवाम पार्टी (प्रयागराज), अपना देश पार्टी (सुल्तानपुर), अंजान आदमी पार्टी (प्रयागराज) और आजाद भारत पार्टी (डेमोक्रेटिक) (कानपुर नगर)।

इन दलों ने अपने-अपने 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के वित्तीय वर्षों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और व्यय विवरणी प्रस्तुत की।


आगामी तिथियों पर बढ़ी सुनवाई

06 अक्टूबर को जिन 30 दलों की सुनवाई तय थी, उनमें से 14 दल अनुपस्थित रहे।
अब 07 अक्टूबर को अवकाश होने की वजह से शेष सुनवाई 08 और 09 अक्टूबर को होगी।

  • 08 अक्टूबर को 45 दलों की सुनवाई होगी।

  • 09 अक्टूबर को 52 दलों की सुनवाई होगी।


मुख्य निर्वाचन अधिकारी की यह सख्ती इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अब राजनीतिक दलों की जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर आयोग कोई ढिलाई नहीं बरतने वाला। यह कदम न केवल राजनीतिक शुचिता की दिशा में अहम साबित होगा बल्कि मतदाताओं के विश्वास को भी मजबूत करेगा।