आजमगढ़ में मेगा टीबी कैंप: 110 क्षय रोगियों को मिली पोषण पोटली, जिलाधिकारी ने की गोद लेने की अपील

आजमगढ़ में मेगा टीबी कैंप: 110 क्षय रोगियों को मिली पोषण पोटली, जिलाधिकारी ने की गोद लेने की अपील
  • आर.वी.न्यूज़ संवाददाता, मनोज कुमार

आजमगढ़, 5 अक्टूबर।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आजमगढ़ में शनिवार को एक मेगा कैंप का आयोजन किया गया। हरिऔध कला केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम और इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से 110 टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने फीता काटकर किया। उन्होंने स्वयं दो टीबी मरीजों को गोद लेकर पोषण पोटली प्रदान की और अधिकारियों व समाज के प्रबुद्ध जनों से भी आह्वान किया कि वे टीबी मरीजों को गोद लेकर पोषण सहयोग दें, जिससे उनका स्वास्थ्य स्तर बेहतर हो सके।

चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जिलाधिकारी का जोर

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में क्षय रोग उन्मूलन के लिए चार प्रमुख बिंदुओं पर बल दिया—

  1. सभी संभावित मरीजों की निःशुल्क जांच स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध हो।

  2. डायग्नोज्ड मरीजों को पर्याप्त दवा और निःशुल्क उपचार समय पर मिले।

  3. निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों के खाते में प्रतिमाह ₹1000 की धनराशि समय से स्थानांतरित हो।

  4. पोषण पोटली वितरण और सामाजिक सहयोग को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए।

उन्होंने बताया कि अब तक 275 अधिकारी टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं, जिससे यह मुहिम सामुदायिक सहयोग से और सशक्त हो रही है।

जनपदस्तरीय अधिकारियों और रेड क्रॉस की भागीदारी

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गंभीर सिंह, जिला विकास अधिकारी संजय सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एन.आर. वर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. वाई. प्रसाद सहित कई अधिकारियों ने भी अपने-अपने गोद लिए मरीजों को पोषण पोटली प्रदान की।
इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के सभापति दिवाकर तिवारी, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सिंह और अन्य पदाधिकारियों ने भी वितरण में भाग लिया।

मरीजों की खुशी और सामुदायिक योगदान

पोषण पोटली पाकर मरीजों ने खुशी और संतोष व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के कर्मचारियों की सहभागिता को भी सराहा गया।

आजमगढ़ का यह आयोजन केवल एक कैंप नहीं, बल्कि टीबी उन्मूलन की दिशा में सामूहिक संकल्प का प्रतीक बना। जिलाधिकारी ने अंत में सभी मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि समाज और प्रशासन के संयुक्त प्रयास से ही टीबी मुक्त जनपद का लक्ष्य हासिल होगा।