कोयला क्षेत्र में ऐतिहासिक वृद्धि: जनवरी 2025 तक उत्पादन और ढुलाई में 5.88% और 5.73% का इज़ाफा, देश की ऊर्जा सुरक्षा को मिली मजबूती!
भारत का कोयला क्षेत्र निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर है, और इस साल के पहले महीनों में ही शानदार आंकड़े सामने आए हैं। अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, कोयला उत्पादन और ढुलाई दोनों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है।
जनवरी 2025 में कोयला उत्पादन बढ़कर 104.43 मीट्रिक टन हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि से 4.38% अधिक है। खासकर कैप्टिव और वाणिज्यिक क्षेत्रों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, जहां उत्पादन 31.07% बढ़कर 19.68 मीट्रिक टन हो गया। इसी के साथ संचयी कोयला उत्पादन 830.66 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 5.88% अधिक है।
कोयला ढुलाई में भी समान वृद्धि देखी गई, जनवरी 2025 में कुल प्रेषण 92.40 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले साल की तुलना में 6.31% अधिक है। खासकर कैप्टिव और अन्य संस्थाओं से ढुलाई में उल्लेखनीय 29.94% की वृद्धि हुई। संचयी कोयला ढुलाई भी 843.75 मीट्रिक टन तक पहुंची, जो पिछले साल से 5.73% अधिक है।
ये आंकड़े कोयला मंत्रालय की ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान की प्रतिबद्धता को साबित करते हैं। इस निरंतर विकास से न केवल ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
क्या यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है?