भारत के बंदरगाहों की नई उड़ान, टर्नअराउंड समय घटा, लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में ऐतिहासिक सुधार

नई दिल्ली: भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने 2023-24 में 820 मिलियन टन कार्गो यातायात को संभालते हुए अपनी दक्षता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। पिछले एक दशक में, बंदरगाहों के टर्नअराउंड समय में 49% की कमी आई है, जबकि प्रति जहाज बर्थ दिवस औसत आउटपुट में 52% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। इन सुधारों ने भारत को विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में 2014 के 54वें स्थान से 2023 में 38वें स्थान तक पहुंचा दिया है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी दी और कहा कि यह सुधार बंदरगाहों पर तेजी से माल निकासी, आधुनिक बुनियादी ढांचे और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स प्रणाली के कारण संभव हुआ है।
बंदरगाहों का तेजी से आधुनिकीकरण और विस्तार
भारत सरकार बंदरगाह अवसंरचना के सतत विकास के लिए कई कदम उठा रही है, जिनमें शामिल हैं –
✔ नए बर्थ और टर्मिनलों का निर्माण
✔ मौजूदा टर्मिनलों का मशीनीकरण
✔ बड़े जहाजों के अनुकूलन के लिए गहराई (ड्राफ्ट) में वृद्धि
✔ सड़क, रेल और जलमार्ग कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना
इसके साथ ही, महाराष्ट्र के वधावन बंदरगाह को मेगा कंटेनर पोर्ट के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई है, जो नई पीढ़ी के विशाल कंटेनर जहाजों को संभालने में सक्षम होगा।
ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में भारत की ऐतिहासिक छलांग!
बंदरगाहों के अत्याधुनिक विकास के चलते भारत की अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट और डिलीवरी समयबद्धता में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ये सुधार न केवल व्यापार को सुगम बना रहे हैं, बल्कि भारत को वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
बंदरगाहों की यह नई क्रांति भारत के व्यापारिक परिदृश्य को वैश्विक स्तर पर और भी प्रतिस्पर्धी बनाएगी, जिससे देश की आर्थिक प्रगति को नया आयाम मिलेगा! ????????✨