आयुर्वेद दिवस 2025 : “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद” – भारत की सतत स्वास्थ्य सेवा की वैश्विक पुकार

नई दिल्ली, 19 सितम्बर 2025 – राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित विशेष प्रेसवार्ता में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने 10वें आयुर्वेद दिवस की रूपरेखा साझा की। यह आयोजन 23 सितम्बर को गोवा स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में होगा।
आयुर्वेद: जीवन का विज्ञान, धरती का संतुलन
श्री जाधव ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक ऐसी कला है जो मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करती है।
उन्होंने ज़ोर दिया कि –
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आयुर्वेद मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कल्याण दोनों का संरक्षक है।
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NSSO सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में आयुर्वेद सबसे प्रचलित उपचार प्रणाली है।
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केंद्र सरकार ने 23 सितम्बर को स्थायी आयुर्वेद दिवस घोषित कर, इसे वैश्विक कैलेंडर पर स्थापित कर दिया है।
2025 का विषय और दृष्टि
इस वर्ष का विषय – “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद”
???? यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि धरती की रक्षा और सतत जीवनशैली के लिए आयुर्वेद के योगदान को रेखांकित करता है।
आयुर्वेद दिवस 2025 की मुख्य पहलें
केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि इस अवसर पर कई जनकेंद्रित अभियान शुरू होंगे:
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???? कल्याण के लिए छोटे कदम – छात्रों हेतु स्वास्थ्य जागरूकता।
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???? गुमराह को राह दिखाएं – झूठे विज्ञापनों पर रोक।
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???? मोटापे के लिए आयुर्वेद आहार – स्वस्थ खान-पान को बढ़ावा।
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???? पशु और पौधों के स्वास्थ्य में आयुर्वेद – प्राकृतिक उपचार की ओर कदम।
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???? कैंसर उपचार में समन्वय – आधुनिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा का तालमेल।
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???? आयुर्वेद का डिजिटल रूपांतरण – तकनीक और परंपरा का संगम।
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???? संहिता से संवाद – मीडिया सहयोग के माध्यम से जनजागरण।
अब तक की उपलब्धियाँ और आगे का मार्ग
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2016 से शुरू हुई आयुर्वेद दिवस की यात्रा में 2024 तक 150 देशों की भागीदारी दर्ज हुई।
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9वें आयुर्वेद दिवस पर :
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AIIA के दूसरे चरण का उद्घाटन।
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आयुर्वेद में 4 उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
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प्रधानमंत्री द्वारा देश का प्रकृति परीक्षण अभियान शुभारंभ।
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अब तक ₹12,850 करोड़ के निवेश से आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाओं को नई शक्ति मिली है।
आगामी उत्सव
AIIA निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि 10वें आयुर्वेद दिवस पर:
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राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 प्रदान किए जाएंगे।
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मोटापा रोकथाम, कैंसर जागरूकता, छात्र भागीदारी, पशु-पौध स्वास्थ्य और डिजिटल एकीकरण जैसे विषयों पर कार्यक्रम होंगे।
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MyGov और MyBharat प्लेटफ़ॉर्म पर “I Support Ayurveda” अभियान से जनसहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
आयुर्वेद दिवस 2025 न केवल भारत की पारंपरिक चिकित्सा धरोहर को सम्मान देगा, बल्कि इसे वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संतुलन का मार्गदर्शक सिद्ध करने की दिशा में भी एक निर्णायक कदम होगा।