यमुना किनारे से स्वच्छता का आह्वान: केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा – “स्वच्छता हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है”

यमुना किनारे से स्वच्छता का आह्वान: केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा – “स्वच्छता हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है”

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025 | पीआईबी दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कालिंदी कुंज स्थित यमुना नदी के तट पर आज ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” का भव्य आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम ने यमुना के पुनर्जीवन और स्वच्छ भारत के संकल्प को नई ऊर्जा दी।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और केंद्रीय राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना की उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक महत्व प्रदान किया। नदी तट पर उपस्थित हजारों नागरिकों, बच्चों और युवाओं ने श्रमदान कर यह संदेश दिया कि स्वच्छता किसी सरकार या संस्था का काम भर नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।

“स्वच्छता सिर्फ स्वास्थ्य या पर्यावरण नहीं, बल्कि संस्कृति की आत्मा”

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री पाटिल ने कहा –
“आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नदियों का संरक्षण केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि समाज का साझा कर्तव्य बन चुका है। भारत में स्वच्छता केवल स्वास्थ्य या पर्यावरण का विषय नहीं; यह हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है।”

उन्होंने महात्मा गांधी के “स्वतंत्रता और स्वच्छता” के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि जब संकल्प सामूहिक होता है तो परिवर्तन ऐतिहासिक बनता है।

बच्चों और युवाओं ने जगाई नई चेतना

कार्यक्रम में स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक, गीत और नृत्य प्रस्तुत कर नदी स्वच्छता का संदेश दिया। युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को उत्सव का स्वरूप दिया और स्वच्छता आंदोलन को भावी पीढ़ी से जोड़ा।

जनभागीदारी बनी सबसे बड़ी ताकत

देशभर की 139 जिला गंगा समितियों और दो नगर पालिकाओं ने इस मिशन में सक्रिय भूमिका निभाई। प्रत्येक ज़िले ने रैलियों, जागरूकता शिविरों और श्रमदान के माध्यम से 10,000 से अधिक लोगों को शामिल करने का संकल्प लिया।
गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई को जनांदोलन बनाकर यह दिखाया गया कि तकनीकी समाधान तभी सफल हो सकते हैं जब समाज स्वयं इसमें भागीदार बने।

तकनीकी समाधान और ठोस उपलब्धियाँ

दिल्ली में यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए चल रही 10 में से 9 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।
ओखला, कोंडली, रिठाला और कोरोनेशन पिलर में अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से कार्यरत हैं। साथ ही नदी किनारों की नियमित सफाई, जल पुनर्चक्रण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

साझेदारी से मिली मजबूती

इस अभियान को गति देने में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, एमसीडी तथा अनेक शैक्षणिक संस्थानों व स्वयंसेवी संगठनों – जैसे वाईएसएस फाउंडेशन, सक्षमभूमि फाउंडेशन, एमिटी विश्वविद्यालय, जाकिर हुसैन कॉलेज, पीजीडीएवी कॉलेज, आईएमएस कॉलेज, सनब्रीज स्कूल आदि – की भागीदारी ने इसे और सशक्त बनाया।