जल शक्ति मंत्रालय ने ‘विशेष अभियान 5.0’ के जरिए स्वच्छता और लंबित मामलों के निपटान की पहल शुरू की

जल शक्ति मंत्रालय ने ‘विशेष अभियान 5.0’ के जरिए स्वच्छता और लंबित मामलों के निपटान की पहल शुरू की

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय ने सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को न्यूनतम करने के लिए विशेष अभियान 5.0 का आयोजन किया है। यह अभियान 2 से 31 अक्टूबर 2025 तक चल रहा है और इसे दो चरणों में संचालित किया जा रहा है।


अभियान के दो चरण

  1. प्रारंभिक चरण (15–30 सितंबर 2025)

    • विभाग ने प्रारंभिक कार्यों की समीक्षा की और लक्ष्यों का निर्धारण किया।

  2. कार्यान्वयन चरण (2–31 अक्टूबर 2025)

    • स्वच्छता, लंबित फाइलों और ई-फाइलों के निपटान पर सक्रिय कार्रवाई की जा रही है।


सचिव की पहल और मार्गदर्शन

  • विभाग के सचिव श्री वी.एल. कांता राव ने 12 सितंबर 2025 को सभी विंग/डिवीजनों और संगठनों के प्रमुखों के साथ बैठक की।

  • बैठक में प्रारंभिक कार्यों और गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा की गई।

  • सभी विभागों और संगठनों को अभियान में पूरी तत्परता से भाग लेने और लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।


गांधी जयंती पर विशेष कार्यक्रम

  • 2 अक्टूबर 2025 को महात्मा गांधी की 156वीं जयंती पर सचिव ने सीएसएमआरएस, हौज़ खास, नई दिल्ली में राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की।

  • इसके बाद परिसर में स्वच्छता अभियान और पौधारोपण किया गया।

  • इसी अवसर पर विशेष अभियान 5.0 का औपचारिक शुभारंभ किया गया।


???? मुख्य लक्ष्य (2–31 अक्टूबर 2025)

क्रम मापदंड लक्ष्य
1 समीक्षा की जाने वाली भौतिक फ़ाइलें 15,405
2 समीक्षा की जाने वाली ई-फाइलें 8,119
3 स्वच्छ किए जाने वाले स्थल 563
4 सांसद संदर्भ 135
5 प्रधानमंत्री कार्यालय संदर्भ 41
6 लोक शिकायतें 135
7 पीजी अपील 22
8 संसदीय आश्वासन 32
9 आईएमसी संदर्भ (केवल कैबिनेट नोट) 3
10 नियमों में सरलता/सुधार 3

विशेष अभियान 5.0 केवल स्वच्छता का प्रयास नहीं, बल्कि यह संस्थागत सुधार, जवाबदेही और दक्ष प्रशासन को बढ़ावा देने की पहल है।
अभियान के माध्यम से विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि कार्यालय परिसरों में स्वच्छता, लंबित मामलों का शीघ्र निपटान और नियमों में सुधार हो, जिससे जनता को बेहतर और समयबद्ध सेवाएँ मिल सकें।