निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में आरआरबी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में आरआरबी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबीकी समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएसके मनोनीत सचिवअतिरिक्त सचिवडीएफएस के अन्य वरिष्ठ अधिकारीआरबीआईसिडबीनाबार्ड के प्रतिनिधिआरआरबी के अध्यक्ष और प्रायोजक बैंकों के सीईओ भी शामिल हुए।

सभी 43 आरआरबी की उपस्थिति के साथ बैठक में कारोबार प्रदर्शनडिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करने और एमएसएमई क्लस्टरों में व्यवसाय वृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में आरआरबी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुएकेंद्रीय वित्त मंत्री ने आरआरबी से आग्रह किया कि वे अपने प्रायोजक बैंकों के सक्रिय समर्थन से पीएम विश्वकर्मा और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण स्वीकृत करते समय लाभार्थियों की स्पष्ट पहचान करने पर अधिक जोर दें। आरआरबी को जमीनी स्तर पर कृषि ऋण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया।

समीक्षा बैठक में एक प्रस्तुति के दौरानश्रीमती सीतारमण ने 2022 में नियमित समीक्षा शुरू होने के बाद से अपने वित्तीय प्रदर्शन और प्रौद्योगिकी उन्नयन में सुधार के लिए आरआरबी की सराहना की और ग्रामीण बैंकों से भविष्य में भी इस गति को बनाये रखने का आग्रह किया। आरआरबी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 7,571 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीएअनुपात 6.1% हैजो पिछले 10 वर्षों में सबसे कम है।

समीक्षा बैठक के दौरानकेंद्रीय वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि सभी आरआरबी के पास प्रासंगिक बने रहने के लिए अपनी खुद की अद्यतन प्रौद्योगिकी होनी चाहिए और कहा कि मोबाइल बैंकिंग जैसी डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ उन स्थानों के लिए वरदान साबित होंगीजहाँ अपेक्षाकृत परिवहन-संपर्क चुनौतीपूर्ण (जैसे पूर्वोत्तर राज्य और पहाड़ी क्षेत्रहै। तकनीकी सहायता प्रदान करकेसर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करके और यह सुनिश्चित करके कि आरआरबी को सफल होने के लिए आवश्यक संसाधनों तक पहुँच होइन प्रयासों में प्रायोजक बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने वस्त्रहस्तशिल्पलकड़ी के फर्नीचरमिट्टी के बर्तनजूट हस्तशिल्पचमड़ाखाद्य प्रसंस्करणडेयरी फार्मिंगपैकिंग सामग्री जैसे क्षेत्रों से जुड़े छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को ऋण सुनिश्चित करने के लिए एमएसएमई क्लस्टरों में स्थित आरआरबी शाखाओं की सक्रिय आउटरीच पर जोर दियाजो आरआरबी के ऋण स्तर को बढ़ाने की अपार क्षमता रखते हैं।

श्रीमती सीतारमण ने सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से कहा कि वे अपने क्लस्टर गतिविधियों के अनुरूप उपयुक्त एमएसएमई उत्पाद तैयार करें तथा बैंकिंग पहुंच बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत और स्थानीय संपर्क का लाभ उठाएं। सिडबी को निर्देश दिया गया कि वह सह-उधार/जोखिम-साझाकरण मॉडल तैयार करने तथा एमएसएमई के लिए पुनर्वित्त प्रदान करने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की सहायता करे।

श्रीमती सीतारमण ने प्रायोजक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से आगे आने वाली चुनौतियों की पहचान करने तथा परिसंपत्ति गुणवत्ता बनाए रखनेडिजिटल सेवाओं का विस्तार करने तथा मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।