विश्व पर्यटन दिवस 2025: भारत ने “पर्यटन और सतत परिवर्तन” पर रचा नया इतिहास, विकसित भारत 2047 की राह में पर्यटन बना प्रेरक शक्ति

नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने विश्व पर्यटन दिवस 2025 को एक भव्य आयोजन के रूप में मनाया, जिसका केंद्र बिंदु था — “पर्यटन और सतत परिवर्तन”। इस मौके पर सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के दिग्गज एक मंच पर आए और यह संदेश दिया कि पर्यटन सिर्फ यात्राओं का अनुभव नहीं, बल्कि आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक एकता का सेतु है।
इस आयोजन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जबकि पर्यटन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव श्री सुमन बिल्ला ने स्वागत भाषण देते हुए भारत की सतत और समावेशी पर्यटन विकास की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
सतत विकास और पर्यटन की नई दिशा
श्री बेरी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन अब केवल मनोरंजन का साधन नहीं रहा, बल्कि यह आर्थिक परिवर्तन, पर्यावरणीय संरक्षण और सामाजिक समावेशन का सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है। उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत को अपनी विशाल जैव-विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने पेश करने के साथ ही स्थिरता और समुदाय-भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
कनेक्टिविटी और अवसंरचना पर ज़ोर
राज्य मंत्री श्री गोपी ने कहा कि पर्यटन की प्रगति, परिवहन और बुनियादी ढांचे से गहराई से जुड़ी है। हवाई अड्डों, राजमार्गों, रेल और जलमार्गों में निरंतर निवेश और “उड़ान” जैसी पहलों ने भारत को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए और अधिक सुलभ बनाया है।
नेटफ्लिक्स और वैश्विक साझेदारी
इस अवसर पर नेटफ्लिक्स, अतिथि फाउंडेशन और प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। नेटफ्लिक्स भारतीय स्थलों को वैश्विक मंच पर सिनेमाई कहानियों और क्यूरेटेड ट्रेलरों के माध्यम से प्रस्तुत करेगा, जबकि ओटीए और फाउंडेशन डेटा-आधारित नीतिगत निर्णयों और यात्रा अनुभवों को बेहतर बनाने में सहयोग करेंगे।
डिजिटल भारत और पर्यटन
पर्यटन मंत्रालय ने परियोजना प्रबंधन सूचना प्रणाली (PMIS) का शुभारंभ किया, जिससे पर्यटन परियोजनाओं की वास्तविक समय निगरानी और प्रबंधन संभव होगा। इसके अलावा, भारत पर्यटन डेटा संग्रह का 66वाँ संस्करण जारी किया गया, जिसने भारत की बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को उजागर किया—अब भारत विश्व के शीर्ष 20 पर्यटक आगमन स्थलों में शामिल है।
नई पुस्तिका का विमोचन
“होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण हेतु मार्गदर्शिका” नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया, जिसमें छोटे उद्यमियों और गृहस्वामियों को ऑनलाइन पोर्टल से ऋण आवेदन की पूरी जानकारी दी गई है।
धरोहर और नवाचार का संगम
कार्यक्रम में महाकुंभ 2025 और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसे केस स्टडीज़ प्रस्तुत की गईं। वहीं, पैनल सत्रों में एआई, एआर/वीआर और डिजिटल ट्विन्स जैसी तकनीकों से पर्यटन अनुभव को और समृद्ध बनाने पर चर्चा हुई।
भारत का संदेश विश्व को
इस अवसर पर भारत ने स्पष्ट किया कि पर्यटन केवल यात्रा नहीं बल्कि सतत परिवर्तन का साधन है। “विकसित भारत 2047” की दृष्टि को पूरा करने के लिए पर्यटन को हरित, समावेशी और भविष्य-तैयार बनाने का संकल्प लिया गया।
संक्षेप में, विश्व पर्यटन दिवस 2025 का यह आयोजन भारत की उस दूरदर्शिता का प्रतीक है, जहां पर्यटन, परिवर्तन का माध्यम बनकर, संस्कृति को विश्व पटल पर और मज़बूती से स्थापित करेगा।