मर्सिडीज जलभराव में फंसी, कारोबारी ने ठोका 10 लाख का नोटिस — गाजियाबाद नगर निगम पर उठे सवाल

रिपोर्ट | विशेष संवाददाता
गाजियाबाद (वसुंधरा):
नगर निगम की लापरवाही अब महंगी पड़ती दिख रही है। वसुंधरा सेक्टर-2A निवासी और व्यवसायी अमित किशोर ने अपनी लग्ज़री कार मर्सिडीज के जलभराव में फंसने और भारी नुकसान होने पर नगर निगम को 10 लाख रुपये का कानूनी नोटिस भेजा है।
अमित किशोर का कहना है कि नगर निगम की नालियों की सफाई में भारी भ्रष्टाचार और अव्यवस्थित जल निकासी व्यवस्था के चलते उनकी मर्सिडीज कार भारी जलभराव में फंसकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
इस घटना के बाद उन्होंने नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को नोटिस भेजकर न सिर्फ 5 लाख रुपये की मरम्मत राशि, बल्कि मानसिक पीड़ा और उपेक्षा के लिए 5 लाख का अतिरिक्त हर्जाना मांगा है।
कानूनी नोटिस में उठाए गए प्रमुख बिंदु:
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नालियों की नियमित सफाई नहीं हुई
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जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह फेल
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जानबूझकर उपेक्षा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
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भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम की अपेक्षा
???? नगर निगम का पक्ष:
नगर निगम ने कारोबारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कार की क्षति जलभराव की वजह से नहीं, बल्कि अन्य तकनीकी कारणों से हुई हो सकती है।
एक निगम अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “क्षेत्र में सामान्य बारिश हुई थी और निगम ने अपने स्तर से सफाई कार्य कराया था।”
अमित किशोर बोले:
“यह सिर्फ मेरी कार की बात नहीं है, यह शहर के सिस्टम की नाकामी है। हर बारिश के बाद सड़कों पर झीलें बन जाती हैं। जब तक जिम्मेदारों पर दबाव नहीं पड़ेगा, हालात नहीं सुधरेंगे।”
विचारणीय प्रश्न:
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क्या नगर निकायों की जवाबदेही तय की जा सकती है?
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बारिश में जलभराव से होने वाले नुकसानों के लिए किसे दोषी माना जाए?
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क्या कानूनी लड़ाई से सिस्टम में सुधार संभव है?
यह मामला अब कानूनी पटल पर है, और यदि कोर्ट अमित किशोर के पक्ष में निर्णय देती है, तो यह देशभर के नगर निगमों के लिए एक नज़ीर बन सकता है।
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