नई दिल्ली में आयुर्वेद का नया अध्याय — राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ और एआईआईए द्वारा अस्थि मर्म पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

नई दिल्ली में आयुर्वेद का नया अध्याय — राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ और एआईआईए द्वारा अस्थि मर्म पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025
भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को आधुनिक स्वास्थ्य परिदृश्य में और सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (RAV) ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली के सहयोग से “अस्थि मर्म” विषय पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन आरएवी शासी निकाय के अध्यक्ष, पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने किया। इस अवसर पर एआईआईए के डीन, डॉ. महेश व्यास भी मौजूद रहे।

उद्घाटन सत्र के मुख्य विचार
वैद्य त्रिगुणा ने अपने संबोधन में कहा कि “आज की स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय से ही संभव है। आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए अपार अवसर उपलब्ध हैं, और इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम नैदानिक अभ्यास को नई दिशा देते हैं।”

विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर के प्रतिष्ठित आयुर्वेद विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें:

  • सीआरएवी गुरु डॉ. सी. सुरेश कुमार

  • डॉ. एन.वी. श्रीवथ

  • एनआईए, जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. पी. हेमंत कुमार

  • एआईआईए, नई दिल्ली के पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ. आनंदराम शर्मा

प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएँ
पहले दिन प्रतिभागियों को अस्थि मर्म के सिद्धांतों और नैदानिक अनुप्रयोगों की गहन जानकारी दी गई। सिद्धांत और व्यवहार के इस अनूठे संयोजन ने आगे के संवादात्मक और व्यावहारिक सत्रों के लिए मज़बूत आधार तैयार किया।

आगे की दिशा
यह दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रतिभागियों को उन्नत कौशल और ज्ञान से समृद्ध करेगा। साथ ही, यह साक्ष्य-आधारित आयुर्वेद को प्रोत्साहन देगा और समग्र स्वास्थ्य सेवा में इसकी भूमिका को और मज़बूत बनाएगा।

 यह पहल स्पष्ट करती है कि भारत न केवल अपनी प्राचीन चिकित्सा परंपराओं को संजो रहा है, बल्कि उन्हें आधुनिक स्वास्थ्य जगत की ज़रूरतों के अनुरूप भी ढाल रहा है।