ईएसटीआईसी-2025: विकसित भारत 2047 के लिए नवाचार और विज्ञान का महामंच

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारत मंडपम में आयोजित इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC-2025) के पूर्वावलोकन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह सम्मेलन 3 से 5 नवंबर 2025 तक “इमैजिन, इनोवेट, इंस्पायर – फॉर विकसित भारत 2047” विषय पर आयोजित होगा।
भारत का पहला एकीकृत एसटीआई मंच
-
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे देश का पहला एकीकृत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंच बताया।
-
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक की यात्रा तकनीकी और नवाचार-आधारित प्रयासों के कारण ही संभव हुई है।
-
सम्मेलन का उद्देश्य है युवा शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और नवप्रवर्तकों को एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना, जहाँ वे अपने नवीन समाधान प्रदर्शित कर सकें, मार्गदर्शन प्राप्त करें और उद्योग से जुड़ सकें।
मुख्य फोकस क्षेत्र (11 विषयगत सत्र)
ईएसटीआईसी-2025 उभरती और अग्रणी प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित होगा:
-
सेमीकंडक्टर
-
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
-
क्वांटम कंप्यूटिंग
-
बायोटेक्नोलॉजी
-
स्वच्छ ऊर्जा
-
अंतरिक्ष विज्ञान
-
परमाणु प्रौद्योगिकी
(सहित अन्य क्षेत्रों पर केंद्रित सत्र आयोजित होंगे।)
भारत की उपलब्धियाँ और संभावनाएँ
-
भारत पेटेंट दाखिल करने में 6वें और वैज्ञानिक प्रकाशन में 4वें स्थान पर है।
-
2029 तक संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकलने की संभावना जताई गई।
-
डॉ. सिंह ने कहा कि यह प्रयास भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को नवाचार लाभांश में बदलने की दिशा में निर्णायक होगा।
वैश्विक विशेषज्ञ और नीति-निर्माता एक मंच पर
-
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय कुमार सूद ने कहा कि ईएसटीआईसी-2025, 13 मंत्रालयों और विभागों के सहयोग का प्रतीक है।
-
यह सम्मेलन वैश्विक विशेषज्ञों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं और युवा शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाएगा।
-
इसका उद्देश्य है संवाद, ज्ञान का आदान-प्रदान और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप नवाचार का कार्यान्वयन।
विकसित भारत 2047 का रोडमैप
डीएसटी सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा:
-
सम्मेलन के 11 विषयगत सत्र और उच्च स्तरीय पैनल, नवाचार को स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, ऊर्जा, आईटी, अंतरिक्ष और पर्यावरण जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ेंगे।
-
यह आयोजन साबित करता है कि नवाचार अब प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय विकास के हर क्षेत्र में समाहित है।
ईएसटीआईसी-2025 भारत को “अनुयायी से नवाचार में अग्रणी राष्ट्र” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह न केवल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए अवसर का मंच है, बल्कि विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की रणनीति भी है।